समास samaas -समास किसे कहते हैं एवं उसके भेद (samaas kise kahate hain evan usake bhed ) - www.studyandupdates.com

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समास samaas -समास किसे कहते हैं एवं उसके भेद (samaas kise kahate hain evan usake bhed )

                                    समास किसे कहते हैं ?


समास का अर्थ है -'संक्षिप्तीकरण'  ।

  दो  या दो से अधिक पदों या शब्दों के योग को  समास कहते हैं ।  जिन पदों या शब्दों के योग से समास बना है ,उनमें से पहले पद को पूर्व पद और दूसरे पद को उत्तर पद कहते हैं ।

अतः दो या अधिक पदों का अपने विभक्ति- चिन्हों  या अन्य प्रत्ययों को विलुप्तकर आपस में मिल जाना ही , समास है।  
समास होने के पहले  पदों के रूप को  'समास विग्रह' कहा जाता  है।  समास होने के बाद बने संक्षिप्त रूप को 'समस्त पद' कहते हैं। 

उदाहरण -

1. मोहन पथ से भ्रष्ट हो चुका है ।
2. मोहन पथभ्रष्ट हो चुका है। 
उपर्युक्त पहले उदाहरण में  पथ से भ्रष्ट समास विग्रह है ( पदों का विखरा हुआ रूप) और दूसरे उदाहरण में पथभृष्ट सामासिक पद (समस्तपद)  है , जो विभक्तियों के लोप होने के बाद दोनों पदों के आपस में मिल जाने के बाद बना है।  
नीचे कुछ समास विग्रह और समस्त पदों के उदाहरण दिए गए हैं -

जैसे-  

शक्ति के अनुसार - यथाशक्ति  (यहाँ पर विभक्ति चिन्ह 'के' का लोप होकर यथाशक्ति बना )

नीला कमल - नीलकमल (यहाँ पर 'आ' प्रत्यय  का लोप होकर नीलकमल  बना )

चार राहों का समूह -  चौराहा (यहाँ पर संक्षेप होकर चौराहा बना  )

 पीला  अम्बर - पीताम्बर( यहाँ दो पद पीला और अम्बर मिलकर पीताम्बर बना )

नाक और कान - नाक-कान यहाँ दो पद के मध्य  'और' को हटाकर  नाक-कान बना )


1.   अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं ?


उत्तर -  जिस समास में पहला पद अव्यय और दूसरा पद संज्ञा,विशेषण या क्रिया विशेषण  होता है । उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं । इस समास में पहला पद प्रधान होता है ।  जैसे 

          सामासिक शब्द                  विग्रह 
  1. प्रतिदिन -                             प्रत्येक दिन या दिन-दिन 
  2. यथाशक्ति -                           शक्ति के अनुसार 
  3. भरपेट -                                पेट भर 
  4. प्रत्येक  -                              एक-एक के प्रति 
  5. आजन्म  -                            जन्म पर्यन्त 
  6. आजीवन                               जीवनभर 
  7. यथासमय                             समय के अनुसार 
  8. निर्भय                                   बिना भय का 
  9. मनमाना                               मन के अनुसार 
  10. घड़ी-घड़ी                               घड़ी के बाद घड़ी 
  11. प्रत्युपकार                             उपकार के प्रति 
  12. प्रतिमास                               प्रत्येक मास 
  13. अनुगुण                                 गुण के योग्य 
  14. आद्योपांत                               आदि से अंत तक 
  15. अध्यात्म                               आत्मा से सम्बंधित 
  16. प्रत्यंग                                   अंग-अंग
  17. परोक्ष                                     अक्षि के परे 
  18. प्रत्यक्ष                                    अक्षि के प्रति 
  19. अनुरूप                                   रूप के अनुसार 



    


2. तत्पुरुष समास किसे कहते हैं ?

'तत्पुरुष समास - जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे - तुलसीदासकृत = तुलसीदास द्वारा कृत (रचित)
ज्ञातव्य- विग्रह में जो कारक प्रकट हो उसी कारक वाला वह समास होता है।

कारक के आधार पर तत्पुरुष समास

 कारक के आधार पर तत्पुरुष समास के छः भेद हैं -

विभक्तियों के नाम के अनुसार तत्पुरुष समास के छह भेद हैं-

  1. कर्म तत्पुरुष (द्वितीया कारक चिन्ह) (गिरहकट - गिरह को काटने वाला)
  2. करण तत्पुरुष (मनचाहा - मन से चाहा)
  3. संप्रदान तत्पुरुष (रसोईघर - रसोई के लिए घर)
  4. अपादान तत्पुरुष (देशनिकाला - देश से निकाला)
  5. संबंध तत्पुरुष (गंगाजल - गंगा का जल)
  6. अधिकरण तत्पुरुष (नगरवास - नगर में वास)



1. कर्म तत्पुरुष - जिस समास के पूर्व पद में कर्म कारक ( को )  का लोप होता है , उसे कर्म तत्पुरुष कहते  हैं ।  
जैसे -

शरणागत - शरण को आया हुआ ।
स्वर्ग- प्राप्त - स्वर्ग को प्राप्त।
विदेश-गमन - विदेश को गमन,
विकासोन्मुख - विकास को उन्मुख,
पक्षधर - पक्ष को धारण करने वाला,
तर्कसंगत- तर्क को संगत,
मरणासन्न - मरण को आसन्न आदि ।                                                                                       

  1. 2. करण तत्पुरुष -  जिस समास के पूर्व पद में करण  कारक ( से ,द्वारा  )  का लोप होता है , उसे करण  तत्पुरुष कहते हैं । 
जैसे - 

तुलसीकृत - तुलसी द्वारा कृत ।
हस्तलिखित - हाथ से लिखा हुआ ।
इतिहास सम्मत - इतिहास से सम्मत।
कालप्रवाह - काल का प्रवाह।
परम्परा-प्राप्त - परम्परा से प्राप्त।
राज्यच्युत - राज्य से च्युत।
बैलगाड़ी- बैलो से चलने वाली गाड़ी।
अकाल पीड़ित- अकाल से .पीड़ित।
मोहांध - मोह से अंधा।
धर्मांध - धर्म से अंधा ।
आँखों देखी - आँखों से देखी ।
भड़भूजा- भाड़ द्वारा भूजनेवाला ।
मदांध - मद (घमंड) सा अंधा ।
मदमत्त- मद से मत्त ।
क्षुधातुर- क्षुधा से आतुर ।वाग्युद्ध- वाक् से युध्द आदि
                                                                                                                                                                 
  1. 3.संप्रदान तत्पुरुष - जिस समास के पूर्व पद में सम्प्रदान  कारक ( के लिए )  का लोप होता है , उसे सम्प्रदान  तत्पुरुष कहते हैं । 


    जैसे - 

देश-भक्ति - देश के लिए भक्ति ।
रसोईघर - रसोई के लिए घर ।
डाकगाड़ी- डाक के लिए गाड़ी।
विद्यालय - विद्या ( देने ) के लिए आलय।
हवन-सामग्री- हवन के लिए सामग्री।
हथकड़ी - हाथ के लिए कड़ी।
सत्याग्रह - सत्य के लिए आग्रह।
भूतबलि- भूत के लिए बलि।
छात्रावास- छात्रों के लिए आवास।
समाचार-पत्र - समाचार के लिए पत्र।
यज्ञशाला - यज्ञ के लिए शाला।
रेलभाड़ा- रेल के लिए भाड़ा।
जनहित - जन के लिए हित।
कृषिभवन- कृषिभवन, युववाणीं - युवाओं के लिए वाणीं।
चूहेदानी - चूहे के लिए दानी।
कर्णफूल - कर्ण के लिए फूल।
हथफूल- हाथ के लिए फूल।
मालगाड़ी - माल ढोने के लिए गाड़ी आदि

4. अपादान तत्पुरुष-  जिस समास के पूर्व पद में अपादान   कारक (से )  का लोप होता है , उसे अपादान   तत्पुरुष कहते हैं ।


जैसे -


पथभ्रष्ट - पथ से भ्रष्ट ।
जन्मांध - जन्म से अंधा।
ऋण मुक्त-ऋण से मुक्त।
पदच्युत- पद से च्युत ( पृथक ) ।
आशातीत- आशा से अतीत।
कामचोर- काम से चोर।
धर्मविरत - धर्म से विरत ( अलग) ।
हतश्री- श्री से हत ( रहित)।
विवाहेत्तर- विवाह से इतर।
राजद्रोह - राज से द्रोह।
लोकभय - लोक से भय।

5. अधिकरण तत्पुरुष - जिस समास  में अधिकरण  कारक (में,पर  )  का लोप होता है , उसे अधिकरण    तत्पुरुष कहते हैं ।
 जैसे - 

आपबीती - अपने पर बीती ।
पुरुषोत्तम - पुरुषों में उत्तम ।
कविराज- कवियों में राजा।
देवराज - देवों में राजा।
सिरदर्द- सिर में दर्द।
ऋषिराज - ऋषियों में राजा।
गृहप्रवेश - गृह में प्रवेश।
घुड़सवार - घोड़े में सवार।
तल्लीन- उसमें (तद् ) में लीन।
मनमौजी - मन में मौजी।
देवाश्रित - देव पर आश्रित।

6. सम्बन्ध तत्पुरुष -  जिस समास  में सम्बन्ध  कारक (का,के,की )  का लोप होता है , उसे सम्बन्ध   तत्पुरुष कहते हैं । 
जैसे - 

राजपुरुष - राजा का पुरुष ।
घुड़दौड़ - घोड़ों की दौड़ ।
नरबलि - नर की बलि।
स्वास्थ्यवर्धक - स्वास्थ्य का वर्धन करने वाला।
रक्तपात- रक्त का पात।
दुःखसागर - दुःख का सागर।
रामचरित- राम का चरित।
नियमावली- नियमों की अवली।
मृत्युदंड - मृत्यु का दंड।
मंत्रिपरिषद - मन्त्रियोंकी परिषद् ।

नञ तत्पुरुष  ( नकारात्मक अर्थ देने वाला समास )

  • दूसरा पद प्रधान होता है।  
  • रूप परिवर्तन होने के कारण यह अव्ययीभाव से अलग है।  
  • इस समास के पूर्व नकारात्मक अर्थ व्यक्त करने वाले उपसर्गों का प्रयोग होता है।  जैसे - अ , अन आदि 

उदहारण - अनाथ, अछूत, अधर्म, अदृश्य, अमंगल, अलौकिक, अकारण, असत्य, अचेतन, अज्ञान, अधीर, अनश्वर, अविकल्प, अप्रिय, अकाल, असभ्य , अनाचार, अनभिज्ञ , अनिष्ट, अनादि, अनावश्यक, अनसुना, अनछुआ, अनदेखा, अनचाहा, अनजाना, अनवन, अनपढ़ आदि। 

                 
       त्पुरुष समास के दो उपभेद होते है

कर्मधारय समास किसे कहते हैं ?

-जिस समास में पूर्व पद विशेषण (उपमान ) और दूसरा पद ( उत्तरपद ) विशेष्य ( उपमेय ) हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं  | इस समास में उत्तरपद प्रधान होता है | 
जैसे- 

        सामासिक पद                                  विग्रह 

  1. प्रधानाध्यापक                                 प्रधान अध्यापक
  2. नीलकमल                                      नीला  कमल 
  3. पीताम्बर                                        पीला  अम्बर
  4. महापुरुष                                         महान पुरुष
  5. सत्याग्रह                               सत्य के लिए आग्रह
  6. कमलनयन                             कमल के समान नयन 
  7. महाकवि                                महान है जो कवि 
  8. नराधम                                      अधम है नर जो 
  9. सदधर्म                                    सत है धर्म जो 
  10. क्रोधाग्नि                                 क्रोध रूपी अग्नि 
  11. वचनामृत                               वचन रूपी अमृत 
  12. मृगनयन                                मृग के समान नयन 
  13. महारानी                                       महती रानी 
  14. परमेश्वर                                       परम् ईश्वर 
  15. नीलोत्पल                                    नीला उत्पल 
  16. कापुरुष                                       कायर पुरुष 
  17. चन्द्रमुख                                  चन्द्र के समान मुख 
  18. चरण-कमल                                चरण रूपी कमल 
  19. परमानंद                                      परम है जो आनंद 

 द्विगु समास किसे कहते हैं ?


उत्तर- जिस समास का पूर्व पद संख्यावाची विशेषण हो, उसे द्विगु समास कहते हैं | इसमें समूह या समाहार का बोध होता है| जैसे - 

         सामासिक शब्द                 विग्रह 
  1. पंचवटी                             पांच वटो का समूह 
  2. नवग्रह                              नव ग्रहों  का समूह 
  3. दोपहर                              दो पहरों का समाहार 
  4. चौराहा                              चार राहों का समाहार 
  5. सप्तर्षि                              सात ऋषियों का समाहार 
  6. सप्ताह                              सात दिनों का समाहार 
  7. षट्कोण                             छह कोणों का समाहार 
  8. अठन्नी                               आठ आनों का समाहार 
  9. त्रियुगी                              तीन युगों का समाहार 
  10. त्रिभुज                              तीन भुजाओं का समाहार 
  11. त्रिलोक                              तीन लोकों का समाहार 
  12. नवरात्र                               नौ रात्रि का समूह 
  13. तिरंगा                                तीन रंगों का समाहार 
  14. त्रिदेव                               तीन देवताओं का समाहार
  15. तिकोना                             जो तीन कोनों का हो
  16. पंचरत्न                             पाँच रत्नों का समूह
  17. तिराहा                              तीन राहों का संगम
  18. सतरंग                              सात रंग का
  19. नवरत्न                             नौ रत्नों का समूह
  20. चतुर्भुज                            चार भुजाओं का (आकार)
  21. दुमंजिला                          दो मंजिल का (मकान)
  22. दुपहिया                            दो पहिया वाला (वाहन)
  23. पनसेरी                             पाँच सेर का बॉट
  24. नौलखा                           नौ लाख रुपये के मूल्य का
  25. शताब्दी                          शत् अब्दों (वर्षों) का समूह

   3.  बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं ?


 वह समास होता है जिसमें दोनों पद अप्रधान हों तथा दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं, उसमें 'बहुव्रीहि समास' होता है। जैसे -



नीलकण्ठ - नीला है कण्ठ जिसका अर्थात् 'शिव'।
लम्बोदर - लम्बा है उदर जिसका अर्थात् 'गणेश'।
दशानन - दस हैं आनन जिसके अर्थात् 'रावण'।
महावीर - महान् वीर है जो अर्थात् 'हनुमान'।
चतुर्भुज - चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात् 'विष्णु'।
पीताम्बर - पीत है अम्बर जिसका अर्थात् 'कृष्ण'।
निशाचर - निशा में विचरण करने वाला अर्थात् 'राक्षस'।
घनश्याम - घन के समान श्याम है जो अर्थात् 'कृष्ण'।
मृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वाला अर्थात् 'शिव'।


4.  द्वन्द्व समास किसे कहते हैं ?

जिस समास में दोनों पद प्रधान होता है , वहां द्वन्द्व समास होता है | समास विग्रह करते समय और ,या, एवं आदि का प्रयोग किया जाता है |

 जैसे -

         सामासिक शब्द                  विग्रह 
  1. माता-पिता                        माता और पिता 
  2. देश-विदेश                        देश और विदेश 
  3. रात- दिन                         रात और दिन 
  4. लम्बा-चौड़ा                      लंबा एवं चौड़ा 
  5. लाभ- हानि                      लाभ या हानि 
  6. अमीर-गरीब                    अमीर और गरीब 
  7. नर-नारी                          नर और नारी 
  8. भरा पूरा                          भरा और पूरा 
  9. भला- बुरा                        भला या बुरा 
  10. पाप- पुण्य                       पाप या पुण्य 
  11. देवासुर                           देव और असुर 
  12. राधाकृष्ण                       राधा और कृष्ण 
  13. धनुर्वाण                         धनुष और वाण 
  14. हरिशंकर                        हरि और शंकर

द्वंद्व समास के प्रकार

इस समास को तीन भागों में बाँटा गया है-

(अ) इतरेतर द्वंद्व - जहाँ दोनों पदों का बराबर महत्त्व होता है ,वहाँ इतरेतर द्वंद्व समास होता है।
जैसे- माता- पिता खाना खा रहे हैं।

यहाँ पर माता और पिता दोनों खाना खा रहे है का आशय व्यक्त होता है । अर्थात दोनों पदों का महत्त्व समान है। 
इस समास का विग्रह और, एवं, तथा,व आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

(ब) विकल्प द्वन्द्व - दोनों पदों में से किसी एक पद (विकल्प) का अर्थ  सही होता है।  जैसे- व्यापार में घट- बढ़ हो रही है। इस वाक्य में घट- बढ़ सामासिक पद है। व्यापार में किसी एक समय में घट होगी या बढ़ होगी। अतः यहाँ पर घट अथवा बढ़ में से  कोई एक विकल्प किसी व्यापार में घटित होगा।
इस समास का विग्रह 'या' , 'अथवा' शब्दों की सहायता से किया जाता है।

(स) समाहार द्वंद्व -
जब सामासिक पद में दो से अधिक समूह का बोध हो, समाहार द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे- हाथ- पाँव बचाकर काम करें। इस वाक्य में हाथ- पाँव सामासिक पद है। यहाँ इस पद का अर्थ हाथ पैर आदि बचाकर कार्य करने से है। ( सिर्फ हाथ-पैर ही नहीं शरीर के अन्य अंगों को भी बचाकर कार्य करने के लिए कहा जा रहा है।
इस समास का विग्रह 'आदि', 'इत्यादि' शब्दों के साथ किया जाता है। 



समास पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्न  , MCQ based on samas

1. समास का शाब्दिक अर्थ होता है (samas ka shabdik arth hota hai) - 

(अ) विच्छेद  (ब) विग्रह  (स) संक्षेप  (द) विस्तार 

 

Answer /  उत्तर : -1. स  संक्षेप



2. किस समास के दोनों शब्दों के समानाधिकरण होने पर कर्मधारय समास  होता है (kis samaas ke dono shabdon ke samanadhikaran hone par karmdhaaray samaas hota hai)- 
(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -2.स तत्पुरुष



3 . दो  शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहते हैं (do shabdon se milakar bane hue nae saarthak shabd ko kahate hain)- 
(अ) छन्द  (ब) सन्धि     (स) समास  (द) अव्यय 


Answer /  उत्तर : -3.स  समास



4 . आजन्म में कौन -सा समास है (aajanm mein kaun -sa samas hai)- 
(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) अव्ययीभाव 


Answer /  उत्तर : - 4. द अव्ययीभाव 



5 .  'चतुर्भुज' में कौन-सा समास है  (chaturbhuj mein kaun-sa samas hai )  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) कर्मधारय 


Answer /  उत्तर : -5. अ बहुब्रीहि



6 .  'विद्यार्थी' में कौन- सा समास है (vidyarthi mein kaun- sa samas hai) -

(अ) बहुब्रीहि   (ब) कर्मधारय   (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 6. स  तत्पुरुष


7 . 'चक्रपाणि' में कौन-सा समास है (chakrapani mein kaun-sa samas hai)- 

(अ) बहुब्रीहि  (ब) अव्ययीभाव  (स) तत्पुरुष  (द) कर्मधारय 


Answer /  उत्तर : -7. अ बहुब्रीहि



8 . पाप-पुण्य में कौन-सा  समास  है (paap-punya mein kaun-sa samas hai) - 

(अ) बहुब्रीहि  (ब) द्वंद्व  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 8.ब   द्वंद्व



9. वह कौन-सा समास है जिसका  उत्तरपद प्रधान होता है (vah kaun-sa samas hai jisaka uttarapad pradhaan hota hai) - 

(अ) अव्ययीभाव  (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 9.स  तत्पुरुष


10 .वह कौन-सा समास है जिसका  प्रथम पद प्रधान होता है (vah kaun-sa samas hai jisaka pratham pad pradhaan hota hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) अव्ययीभाव 


Answer /  उत्तर : -10.द अव्ययीभाव 



11 .वह कौन-सा समास है जिसका  पहला पद संख्यावाची और दूसरा पद संज्ञा  होता है (vah kaun-sa samaas hai jisaka pahala pad sankhyaavaachee aur doosara pad sangya hota hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -11.द   द्विगु


12 .  'नीलकमल' में कौन-सा समास है  (neelakamal mein kaun-sa samaas hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) कर्मधारय   (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -12. ब  कर्मधारय



13 .  वह कौन-सा समास है जिसका प्रथम पद गौण  होता है (vah kaun-sa samaas hai jisaka pratham pad gaun hota hai)- 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 13.स  तत्पुरुष



14 .वह कौन-सा समास है जिसका  अन्य पद  प्रधान होता है ( vah kaun-sa samaas hai jisaka any pad pradhaan hota hai ) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 14.अ बहुब्रीहि



15 .  कौन-सा (शब्द) समस्तपद  बहुब्रीहि समास का उदाहरण है (kaun-sa (shabd) samastapad bahubreehi samaas ka udaaharan hai)-- 

(अ) निशिदिन  (ब) पंचानन  (स) त्रिभुवन  (द) पुरुषसिंह 


Answer /  उत्तर : -15.ब    पंचानन        

16 . 'चौराहा' में कौन-सा समास है  (chauraaha mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 16.द  द्विगु



17 . 'दीनानाथ'  में कौन-सा समास है  (deenaanaath mein kaun-sa samaas hai)- 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व   (स) तत्पुरुष  (द) कर्मधारय 


Answer /  उत्तर : - 17.स  तत्पुरुष



18 . 'परमेश्वर' में कौन-सा समास है  (parameshvar mein kaun-sa samaas hai) - 

(अ) द्वंद्व   (ब) कर्मधारय     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -18.ब    कर्मधारय 



19. वह कौन-सा समास है जिसके दोनों पद  प्रधान होते  हैं (vah kaun-sa samas hai jiske donon pad pradhaan hote hain  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -19.ब द्वंद्व



20.'अनुगुण'  में कौन-सा समास है ( anugun mein kaun-sa samas hai ) - 

(अ) बहुब्रीहि  (ब) द्वंद्व   (स) तत्पुरुष  (द) अव्ययीभाव 


Answer /  उत्तर : -20. द  अव्ययीभाव 



21.'रोगग्रस्त'  में कौन-सा समास है  ( rogagrast mein kaun-sa samaas hai )

(अ) कर्मधारय   (ब) द्वंद्व   (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -21.स तत्पुरुष 



22. 'छुटभैये' में कौन-सा समास है  (chhutabhaiye mein kaun-sa samaas hai)

(अ) कर्मधारय   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 22.अ  कर्मधारय 



23. 'अष्टाध्यायी'  में कौन-सा समास है  (ashtaadhyaayee mein kaun-sa samaas hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -23.द   द्विगु



24. 'देशांतर' में  कौन-सा समास है (deshaantar mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -24.स तत्पुरुष



25. 'उन्नतिशील' में कौन-सा समास है (unnatisheel mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व  (स) अव्ययीभाव   (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -25.अ बहुब्रीहि 



26. 'निर्धन' में  कौन-सा समास है (nirdhan mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 26.अ  बहुब्रीहि 



27. 'मुख-दर्शन' में  कौन-सा समास है  (mukh-darshan mein kaun-sa samaas hai) - 

(अ) कर्मधारय   (ब) द्वंद्व   (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु 


Answer /  उत्तर : - 27. स  तत्पुरुष



28.  कौन-सा उदाहरण बहुब्रीहि समास का है  (kaun-sa udaaharan bahubreehi samaas ka hai)- 

(अ) लम्बोदर   (ब) देशप्रेम   (स) परमेश्वर   (द) नीलकमल


Answer /  उत्तर : -  28.अ लम्बोदर



29. कौन-सा उदाहरण द्विगु समास का नहीं है  (kaun-sa udaaharan dvigu samaas ka nahin hai) - 

(अ) शतांश    (ब)त्रिफला  (स) दुपहर   (द) दशानन 


Answer /  उत्तर : -  29. द  दशानन 


30.  निम्नलिखित में से कर्मधारय  समास किसमें है (nimnalikhit mein se karmadhaaray samaas kisamen hai)- 

(अ) चक्रपाणि   (ब) चतुर्युगम  (स) नीलोत्पलम  (द) माता-पिता 


Answer /  उत्तर : -  30.स नीलोत्पलम



31.विशेषण और विशेष्य के योग से कौन-सा समास बनता है (visheshan aur visheshy ke yog se kaun-sa samaas banata hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व   (स) कर्मधारय   (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -31.स कर्मधारय

32. 'कन्यादान' में कौन-सा समास है (kanyaadaan mein kaun-sa samaas hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व   (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -32.स   तत्पुरुष


33. मृगनयन' किस  समास का उदाहरण है  (mrganayan kis samaas ka udaaharan hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) कर्मधारय (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -33.ब  कर्मधारय



34.  द्विगु समास  का उदाहरण है   (dvigu samaas ka udaaharan hai)- 

(अ) अन्वय   (ब) दिन-रात  (स) चतुरानन  (द) त्रिभुवन


Answer /  उत्तर : -34. द    त्रिभुवन



35.  'गोशाला'  कौन-सा समास है  (goshaala kaun-sa samaas hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 35.स  तत्पुरुष 


36.  'नरोत्तम' में कौन-सा समास है (narottam mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व   (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -36.स तत्पुरुष



37 .'निशाचर' शब्द किस  समास का उदाहरण है (nishaachar shabd kis samaas ka udaaharan hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) कर्मधारय  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -37.अ तत्पुरुष


38.'युधिष्ठिर' शब्द का संबंध है (yudhishthir shabd ka sambandh hai) - 

(अ) बहुब्रीहि से  (ब) द्वंद्व से  (स) तत्पुरुष से  (द) अव्ययीभाव से 


Answer /  उत्तर : -  38.अ  बहुब्रीहि से



39. ''देवासुर' में कौन-सा समास है (devaasur mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -   39.ब   (ब) द्वंद्व 



40. इनमें से द्वंद्व समास का उदाहरण है (inamen se dvandv samaas ka udaaharan hai)- - 

(अ) नेत्रहीन    (ब) चौराहा    (स) पीतांबर   (द) धनुर्बाण 


Answer /  उत्तर : -  40.द   धनुर्बाण 



41.  वह कौन-सा समास है जिसका  उत्तरपद प्रधान होने के साथ ही साथ पूर्व तथा उत्तरपद में विशेषण और विशेष्य का संबंध भी होता है (vah kaun-sa samaas hai jisaka uttarapad pradhaan hone ke saath hee saath poorv tatha uttarapad mein visheshan aur visheshy ka sambandh bhee hota hai)

(अ) बहुब्रीहि   (ब) कर्मधारय    (स) तत्पुरुष  (द) अव्ययीभाव


Answer /  उत्तर : -41.ब  कर्मधारय



42.   'प्रतिदिन' में कौन-सा समास है (pratidin mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व  (स) तत्पुरुष  (द) अव्ययीभाव


Answer /  उत्तर : - 42. द    अव्ययीभाव


43. वह कौन-सा समास है जिसका  प्रथम पद अव्यय होता है (vah kaun-sa samaas hai jisaka pratham pad avyay hota hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) अव्ययीभाव  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -  43.ब   अव्ययीभाव



44. 'तन-मन-धन' में  कौन-सा समास है(tan-man-dhan mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -44.ब   द्वंद्व


45 .'गगनचुम्बी' में  कौन-सा समास है (gaganachumbee mein kaun-sa samaas hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) कर्मधारय  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -45.स    तत्पुरुष



46. जिस समास में दोनों पद अप्रधान होते हैं, वहाँ कौन-सा समास  होता है (jis samaas mein donon pad apradhaan hote hain, vahaan kaun-sa samaas hota hai) - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 46. अ   बहुब्रीहि 



47. ''चतुर्भुज' में  कौन-सा समास है (chaturbhuj mein kaun-sa samaas hai) -

(अ) बहुब्रीहि   (ब) अव्ययीभाव  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : -47. द 



48.'साफ-साफ' में कौन-सा समास है (saaph-saaph mein kaun-sa samaas hai)  - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) अव्ययीभाव 


Answer /  उत्तर : -48.द   अव्ययीभाव 



49 .  'मदान्ध' किस समास का उदाहरण है (madaandh kis samaas ka udaaharan hai - 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) द्वंद्व     (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु


Answer /  उत्तर : - 49.स   तत्पुरुष 



50. 'छमाही' शब्द किस समास का उदाहरण  है  (chhamaahee shabd kis samaas ka udaaharan hai)- 

(अ) बहुब्रीहि   (ब) कर्मधारय  (स) तत्पुरुष  (द) द्विगु

Answer /  उत्तर : - 50. द द्विगु


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