क्षेत्रमिति फॉर्मूले
द्विविमीय - चतुर्भुज (आयत/वर्ग/) ,त्रिभुज, वृत्त
वर्ग - यदि किसी चतुर्भुज की चारों भुजाएं बराबर हों और चारो कोण समकोण हों तो उस चतुर्भुज को वर्ग कहते है।
वर्ग का क्षेत्रफल = (वर्ग की भुजा)²
या
= वर्ग की भुजा x वर्ग की भुजा
वर्ग का परिमाप = 4 x भुजा
वर्ग का विकर्ण = भुजा√ 2
आयत - आयत एक ऐसा चतुर्भुज है जिसकी आमने सामने की भुजाएं समांतर होती है, "आयत" कहलाता है।
अन्तःकोण समकोण (=90 डिग्री के) हों उसे आयत कहते हैं
आयत का क्षेत्रफल = लंबाई x चौडाई
आयत का परिमाप = 2(लंबाई + चौडाई)
आयत का विकर्ण = √ (लंबाई² +चौडाई²)
समचतुर्भुज :- सभी भुजाएं बराबर और एक दुसरे के समांतर
समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 ( विकर्ण1 x विकर्ण 2)
.
समलंब समचतुर्भुज :- आमने -सामने कि कोई भी दो भुजा समांतर
समलंब समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 ( समांतर भुजाओं का योग) x उंचाई
.
समांतर समचतुर्भुज :- कोई भी दो भुजा बराबर
समांतर समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार x उंचाई
त्रिभुज - तीन भुजाओ से घिरी बंद आकृती को त्रिभुज कहते हैं ।
समबाहु त्रिभुज :- सभी भुजाएं बराबर
समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = (√ 3)/4 x भुजा²
समद्विबाहु त्रिभुज :- कोई भी दो भुजा बराबर
समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 x आधार x उंचाई
.
विषमबाहु त्रिभुज :- सभी भुजाएं असमान
विषमबाहु त्रिभुज परिमिती = (a+b+c)/2
विषमबाहु त्रिभुज क्षेत्रफल = √ [s(s-a)(s-b)(s-c)]
.समबाहु त्रिभुज: वह त्रिभुज जिसमें तीनों भुजाएं समान होती हैं और प्रत्येक कोण 60° का होता है।
अभिलम्ब: किसी त्रिभुज में एक भुजा के विपरीत शीर्ष से भुजा पर डाला गया लम्ब अभिलम्ब कहलाता है।
माध्यिका: शीर्ष के सामने वाली भुजा के मध्य बिन्दु से मिलाने वाली रेखा मध्यिका कहलाती है।
न्यूनकोण त्रिभुज: वह त्रिभुज जिसमें प्रत्येक कोण 90 डिग्री से कम होता है।
समकोण त्रिभुज: एक कोण 90 डिग्री शेष दोनों कोण एक दूसरे के पूरक होते हैं।
अधिककोण त्रिभुज: कोई भी एक कोण 90° अधिक का होता है।
विषमबाहु त्रिभुज: सभी भुजाएं आपस में असमान होती हैं।
समद्विबाहु त्रिभुज: कोई दो भुजाएं आपस में समान होती हैं। समान भुजाओं के सामने के कोण भी समान होते हैं।
कोण समद्विभाजक: वह रेखाखंड, जो त्रिभुज के शीर्ष से प्रारंभ होता है एवं कोण को दो समान भागों में बांटता है।
भुजा का लम्ब समद्विभाजक: रेखाखण्ड, जो त्रिभुज की भुजा के साथ समकोण बनाते हुए उसे दो समान भागों में बांटता है।
लम्ब केन्द्र: वह बिन्दु जहाँ किसी त्रिभुज के तीनों अभिलम्ब मिलते है।
केन्द्रक: त्रिभुज की तीनों मध्यिकायें जिस बिंदु पर मिलती हैं वह बिन्दु केंद्रक (सेन्ट्रॉड) कहलाता है। केंद्रक प्रत्येक मध्यिका को 2:1 में विभाजित करता है।
अंतःकेन्द्र: त्रिभुज के कोण समद्विभाजक जिस बिन्दु पर मिलते हैं, वह बिन्दु अंतःकेन्द्र कहलाता है।
परिकेन्द्र: वह बिन्दु जहाँ भुजाओं के लम्ब समद्विभाजक मिलते हैं परिकेंद्र कहलाता है। परिकेंद्र हमेशा तीनों शीर्षो से समान दूरी पर होता है।
वृत्त -किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है
वृत्त का क्षेत्रफल = πr² (आंतरिक भाग)
वृत्त का परिधी = 2πr (बाहरी भाग)
त्रिआयामी -घन,घनाभ,गोला,बेलन,शंकु
घन
घन का आयतन = भुजा³ (आंतरिक भाग) या ( भुजा X भुजा Xभुजा)
घन का वक्रप़ष्ठ = 6भुजा² (बाहरी भाग)
घन का विकर्ण = भुजा√ 3
.
घनाभ
घनाभ का आयतन = लंबाई x चौडाई x उंचाई (आंतरिक भाग)
घनाभ का वक्रप़ष्ठ = 2(lb+bh+hl) (बाहरी भाग)
घनाभ का विकर्ण = √ (लंबाई² + चौडाई² + उंचाई²)
गोला
गोला का वक्रप़ष्ठ = 3πr² (बाहरी भाग)
गोला का आयतन = (4/3)πr³ (आंतरिक भाग)
.
बेलन
बेलन का वक्रप़ष्ठ = 2πrh (बाहरी भाग)
बेलन का संपूर्ण प़ष्ठ = 2πr(h+r)
बेलन का आयतन = πr²h (आंतरिक भाग)
.
शंकु
शंकु का आयतन = (1/3)πr²h
शंकु का क्षेत्रफल = πr(r+s)
.
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