जय हिंद दोस्तों Studyandupdates आप सभी के हिन्दी व्याकरण अध्यायवार तरीके से लेकर आया है जो कि आपके सभी कंपटीशन एग्जामिनेशन SSC GD , CISF , BSF , ITBP , SSB , NIA , SSF ,CRPF & Assam Rifles के कांस्टेबल,ट्रैड मेन,हेड कांस्टेबल,स्टेट पुलिस एवं अन्य पुलिस परीक्षा के लिए मत्वपूर्ण के लिए महत्वपूर्ण है
Hindi class no- 04 for SSC GD , CRPF , CISF , ITBP , NIA -Constable , Tradesman and Head Constable exam - शुद्ध -shabd-, सार्थक शब्द ,निरर्थक शब्द,रूढ़,
यौगिक,योगरूढ़, तत्सम ,तद्भव,देशज,विदेशी या विदेशज शब्द
शब्द
शब्द का परिभाषा :- एक या अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द कहलाता है।
जैसे :- एक वर्ण से निर्मित शब्द-न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर,कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा।
शब्द – भेद :-
हिंदी व्याकरण में शब्दों के चार भेद होते हैं –
1 . अर्थ की के आधार पर
2 . व्युत्पत्ति (रचना ) के आधार पर
3 . उत्पति के आधार पर
4 . प्रयोग के आधार पर
1.अर्थ के आधार पर शब्द के भेद :-
अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं –
(क.) सार्थक शब्द – जिन हिंदी शब्दों का कुछ अर्थ होता हैं, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं।
सार्थक शब्द के उदाहरण – कलम, छात्र, शिक्षक, विज्ञापन, कंप्यूटर आदि।
(ख.) निरर्थक शब्द – जिन हिंदी शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता हैं, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं।
निरर्थक शब्द के उदाहरण – पट, लक, खग, मच, अप आदि।
उपरोक्त पर आधारित प्रश्न
Q01. ‘अर्थ’ के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं ?
3
2
4
इनमें से कोई नहीं
Q02. जिन हिंदी शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता हैं, उन्हें क्या कहते है ?
सार्थक शब्द
निरर्थक शब्द
रूढ शब्द
योगरुढ शब्द
Q03. ‘पट’ कौन स शब्द है ?
सार्थक शब्द
निरर्थक शब्द
रूढ शब्द
योगरुढ शब्द
2. व्युत्पत्ति (रचना) के आधार पर शब्द के निम्नलिखित तीन भेद हैं :-
रूढ़
यौगिक
योगरूढ़
(1) रूढ़ शब्द :- हिन्दी भाषा के मूल शब्द रूढ़ ही हैं। रूढ़ शब्दों को सार्थक खण्डों में नही बांटा जा सकता हैं। अर्थात इन शब्दों के सार्थक दो टुकड़े नही किये जा सकते हैं ।
जैसे - आम, गीता, पुस्तक, नदी, आदि शब्द ।
कई बार इन शब्दों का प्रयोग किसी विशेष अर्थ के लिए होता हैं ,और वह विशेष अर्थ भी रूढ़ हो जाता है।
जैसे उल्लू पक्षी और गधा जानवर है, किन्तु ये शब्द मनुष्य के लिए बेवकूफ और मूर्ख के लिए रूढ़ हो गये हैं।
(2) यौगिक शब्द : - ऐसे शब्द जिनका निर्माण एक से अधिक शब्दों या शब्दांशों के योग (मिलने) से होता है ,वे यौगिक शब्द कहलाते हैं ।
जैसे- पवनपुत्र = पवन+पुत्र ,
राजकुमारी = राजा + कुमारी आदि
हिन्दी में यौगिक शब्द तीन प्रकार के होतें हैं -
उपसर्ग+मूलशब्द = यौगिक सु+पुत्र=सुपुत्र
मूलशब्द+प्रत्यय =यौगिक मित्र+ता =मित्रता
मूलशब्द+मूलशब्द= यौगिक विद्या+आलय=विद्यालय
(3) योगरूढ़ शब्द :- ऐसे शब्द जो यौगिक ( एक से अधिक शब्दों से बने ) तो हैं , परन्तु वे सामान्य अर्थ को प्रकट न करके रूढ़ शब्दों के समान किसी विशेष अर्थ के लिए रूढ़ (निश्चित) हो गये हैं ,योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं ।
जैसे - नीरज = कमल
यद्यपि 'नीर' से कई जीव व पौधे जन्मते हैं ,किन्तु यह केवल कमल के लिए रूढ़ हो गया है ।
मुरलीधर = श्री कृष्ण'
जो भी मुरली धारण करता है, वे सभी लोग मुरलीधर है, किन्तु यहाँ पर 'मुरलीधर शब्द केवल श्री कृष्ण के लिए रूढ़ हो गया है ।
इसी प्रकार हिमालय,दशानन,लम्बोदर,अंगरखा, आदि शब्द योगरूढ़ के उदाहरण हैं ।
उपरोक्त पर आधारित प्रश्न
Q04. ‘व्युत्पत्ति’ के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं ?
3
2
4
इनमें से कोई नहीं
Q05. जिन शब्दों का कोई सार्थक खंड ना हो , वो क्या कहलाते हैं ?
रूढ शब्द
यौगिक शब्द
योगरूढ़ शब्द
उपसर्ग
उत्तर -रूढ शब्द
Q06 . “वैधशाला’ शब्द है ?
रूढ शब्द
यौगिक शब्द
योगरूढ़ शब्द
उपसर्ग
Q07. पंकज, जलज, आदि किस प्रकार के शब्द हैं?
रूढ़
यौगिक
योगरूढ़
मिश्रित
Q08.निम्नलिखित में से ''रूढ़'' शब्द कौन सा है?
पंकज
विद्यालय
जलज
कमल
उत्तर -कमल
Q09.निम्नलिखित में से ''रूढ़'' शब्द कौन सा है?
गाय
विद्यालय
लम्बोदर
पंकज
उत्तर -गाय
Q10.‘दशानन’ निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द है?
रूढ शब्द
यौगिक शब्द
योगरूढ़ शब्द
उपसर्ग
उत्तर -योगरूढ़ शब्द
Q11.राष्ट्रपति कौन सा शब्द है?
योगरूढ़
रूढ़
यौगिक
इनमें से कोई नहीं
उत्तर -यौगिक
Q12.जो शब्द किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें क्या कहते हैं?
रूढ़
यौगिक
योगरूढ़
ये सभी
Q13.निम्नलिखित में कौन यौगिक शब्द है ?
लेखक
पुस्तक
विद्यालय
योगी
Q14.रूढ शब्द को अन्य किस नाम से जाना जाता है ?
अमूल शब्द
जड़ शब्द
मूल शब्द
अयोगरूढ़ शब्द
Q15.दो या दो से अधिक सार्थक शब्द खंडों के योग से निर्मित होने होने वाले शब्द.. .. शब्द कहलाते है
रूढ़
यौगिक
योगरूढ़
ये सभी
उत्तर -यौगिक
3. उत्पत्ति के आधार पर शब्द – भेद :-
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के निम्नलिखित चार भेद हैं :-
1. तत्सम- जो शब्द संस्कृत भाषा से हिन्दी में बिना किसी परिवर्तन के ले लिए गए हैं वे तत्सम कहलाते हैं।
जैसे-अग्नि, क्षेत्र, वायु, रात्रि, सूर्य आदि।
2. तद्भव- जो शब्द रूप बदलने के बाद संस्कृत से हिन्दी में आए हैं वे तद्भव कहलाते हैं।
जैसे-आग (अग्नि), खेत(क्षेत्र), रात (रात्रि), सूरज (सूर्य) आदि।
3. देशज- जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए हैं वे देशज कहलाते हैं। जैसे-पगड़ी, गाड़ी, थैला, पेट, खटखटाना आदि।
4. विदेशी या विदेशज- विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं।
जैसे-स्कूल, अनार, आम, कैंची,अचार, पुलिस, टेलीफोन, रिक्शा आदि। ऐसे कुछ विदेशी शब्दों की सूची नीचे दी जा रही है।
अंग्रेजी :- कॉलेज, पैंसिल, रेडियो, टेलीविजन, डॉक्टर, लैटरबक्स, पैन, टिकट, मशीन, सिगरेट, साइकिल, बोतल आदि।
फारसी :- अनार,चश्मा, जमींदार, दुकान, दरबार, नमक, नमूना, बीमार, बरफ, रूमाल, आदमी, चुगलखोर, गंदगी, चापलूसी आदि।
अरबी :- औलाद, अमीर, कत्ल, कलम, कानून, खत, फकीर, रिश्वत, औरत, कैदी, मालिक, गरीब आदि।
तुर्की :- कैंची, चाकू, तोप, बारूद, लाश, दारोगा, बहादुर आदि।
पुर्तगाली :- अचार, आलपीन, कारतूस, गमला, चाबी, तिजोरी, तौलिया, फीता, साबुन, तंबाकू, कॉफी, कमीज आदि।
फ्रांसीसी :- पुलिस, कार्टून, इंजीनियर, कर्फ्यू, बिगुल आदि।
चीनी :- तूफान, लीची, चाय, पटाखा आदि।
यूनानी :- टेलीफोन, टेलीग्राफ, ऐटम, डेल्टा आदि।
जापानी :- रिक्शा आदि।
उपरोक्त पर आधारित प्रश्न
Q16. उत्पति के आधार पर शब्द के कितने भेद होते है
2
4
6
8
Q17. संस्कृत के ऐसे शब्द जिन्हे हम ज्यों-का-त्यो प्रयोग मे लाते है , वो क्या कहलाते है ?
तत्सम
तद्भव
देशज
विदेशज
Q18. निम्न में से तत्सम शब्द है -
अंस
अंश
अश
अस
उत्तर -अंश
Q19. निम्न में से तत्सम शब्द है -
अनाड़ी
अनाय
अनार्य
अर्नाय
Q20. निम्न में से तत्सम शब्द है
ईख
इख
इक्षु
इक्ष
Q21.परीक्षा शब्द निम्न वर्गों में से किस वर्ग में आता है
तत्सम
तद्भव
देशज
विदेशज
उत्तर -तत्सम
Q22. मजिस्ट्रेट शब्द है
तत्सम
तद्भव
देशज
विदेशज
उत्तर -विदेशज
Q23.नीचे दिए गये विकल्पों में से तत्सम शब्द का चयन कीजिये
पड़ोसी
गोधूम
बहू
शहीद
Q24.नीचे दिए गये विकल्पों में से तदभव शब्द का चयन कीजिये
बैंक
मुँह
मर्म
प्रलाप
Q25.कौन सा शब्द देशज नहीं है
डिबरी
पगडी
ढोर
पुष्कर
Q26.जिन शब्दों की उत्पति का पता नहीं चलता उन्हें कहा जाता है
तत्सम
तदभव
देशज
संकर
Q27.वकील किस भाषा का शब्द है
फ़ारसी
अरबी
तुर्की
पुर्तगाली
Q28.स्टेशन किस भाषा का शब्द है
फ्रेंच
अंग्रेजी
डच
चीनी
Q29.वानर का तद्भव रूप है
वानर
बन्दर
बांदर
बान्दर
Q30.संधि शब्द है
तत्सम
तदभव
देशज
विदेशज
उत्तर -तत्सम
हिन्दी में उनके कुछ हेर-फेर इस प्रकार हुए हैं-
(1) क, ख, ग, फ जैसे नुक्तेदार उच्चारण और लिखावट को हिन्दी में साधारणतया बेनुक्तेदार उच्चरित किया और लिखा जाता है।
जैसे- कीमत (अरबी) = कीमत (हिन्दी), खूब (फारसी) = खूब (हिन्दी), आगा (तुर्की) = आगा (हिन्दी), फैसला (अरबी) = फैसला (हिन्दी)।
(2) शब्दों के अन्तिम विसर्ग की जगह हिन्दी में आकार की मात्रा लगाकर लिखा या बोला जाता है।
जैसे- आईन: और कमीन: (फारसी) = आईना और कमीना (हिन्दी), हैज: (अरबी) = हैजा (हिन्दी), चम्च: (तुर्की) = चमचा (हिन्दी)।
(3) शब्दों के अन्तिम हकार की जगह हिन्दी में आकार की मात्रा कर दी जाती है।
जैसे- अल्लाह (अरब) = अल्ला (हिन्दी)।
(4) शब्दों के अन्तिम आकार की मात्रा को हिन्दी में हकार कर दिया जाता है।
जैसे- परवा (फारसी) = परवाह (हिन्दी)।
(5) शब्दों के अन्तिम अनुनासिक आकार को 'आन' कर दिया जाता है।
जैसे- दुकाँ (फारसी) = दुकान (हिन्दी), ईमाँ (अरबी) = ईमान (हिन्दी)।
(6) बीच के 'इ' को 'य' कर दिया जाता है।
जैसे- काइद: (अरबी) = कायदा (हिन्दी)।
(7) बीच के आधे अक्षर को लुप्त कर दिया जाता है।
जैसे- नश्श: (अरबी) = नशा (हिन्दी)।
(8) बीच के आधे अक्षर को पूरा कर दिया जाता है।
जैसे- अफ्सोस, गर्म, किश्मिश, बेर्हम, (फारसी) = अफसोस, गरम, जहर, किशमिश, बेरहम (हिन्दी)। तर्फ, कस्त्रत (अरबी) = तरफ, नहर, कसरत (हिन्दी)। चमच:, तग्गा (तुर्की) = चमचा, तमगा (हिन्दी)।
(9) बीच की मात्रा लुप्त कर दी जाती है।
जैसे- आबोदन: (फारसी) = आबदाना (हिन्दी), जवाहिर, मौसिम, वापिस (अरबी) = जवाहर, मौसम, वापस (हिन्दी), चुगुल (तुर्की) = चुगल (हिन्दी)।
(10) बीच में कोई ह्स्व मात्रा (खासकर 'इ' की मात्रा) दे दी जाती है।
जैसे- आतशबाजी (फारसी) = आतिशबाजी (हिन्दी)। दुन्या, तक्य: (अरबी) = दुनिया, तकिया (हिन्दी)।
(11) बीच की ह्स्व मात्रा को दीर्घ में, दीर्घ मात्रा को ह्स्व में या गुण में, गुण मात्रा को ह्स्व में और ह्स्व मात्रा को गुण में बदल देने की परम्परा है।
जैसे- खुराक (फारसी) = खूराक (हिन्दी) (ह्स्व के स्थान में दीर्घ), आईन: (फारसी) = आइना (हिन्दी) (दीर्घ के स्थान में ह्स्व): उम्मीद (फारसी) = उम्मेद (हिन्दी) (दीर्घ 'ई' के स्थान में गुण 'ए'); देहात (फारसी) = दिहात (हिन्दी) (गुण 'ए' के स्थान में 'इ'); मुगल (तुर्की) = मोगल (हिन्दी) ('उ' के स्थान में गुण 'ओ')।
(12) अक्षर में सवर्गी परिवर्तन भी कर दिया जाता है।
जैसे- बालाई (फारसी) = मलाई (हिन्दी) ('ब' के स्थान में उसी वर्ग का वर्ण 'म')।
हिन्दी के उच्चारण और लेखन के अनुसार हिन्दी-भाषा में घुले-मिले कुछ विदेशज शब्द आगे दिये जाते है।
(अ) फारसी शब्द
अफसोस, आबदार, आबरू, आतिशबाजी, अदा, आराम, आमदनी, आवारा, आफत, आवाज, आइना, उम्मीद, कबूतर, कमीना, कुश्ती, कुश्ता, किशमिश, कमरबन्द, किनारा, कूचा, खाल, खुद, खामोश, खरगोश, खुश, खुराक, खूब, गर्द, गज, गुम, गल्ला, गवाह, गिरफ्तार, गरम, गिरह, गुलूबन्द, गुलाब, गुल, गोश्त, चाबुक, चादर, चिराग, चश्मा, चरखा, चूँकि, चेहरा, चाशनी, जंग, जहर, जीन, जोर, जबर, जिन्दगी, जादू, जागीर, जान, जुरमाना, जिगर, जोश, तरकश, तमाशा, तेज, तीर, ताक, तबाह, तनख्वाह, ताजा, दीवार, देहात, दस्तूर, दुकान, दरबार, दंगल, दिलेर, दिल, दवा, नामर्द, नाव, नापसन्द, पलंग, पैदावार, पलक, पुल, पारा, पेशा, पैमाना, बेवा, बहरा, बेहूदा, बीमार, बेरहम, मादा, माशा, मलाई, मुर्दा, मजा, मुफ्त, मोर्चा, मीना, मुर्गा, मरहम, याद, यार, रंग, रोगन, राह, लश्कर, लगाम, लेकिन, वर्ना, वापिस, शादी, शोर, सितारा, सितार, सरासर, सुर्ख, सरदार, सरकार, सूद, सौदागर, हफ्ता, हजार इत्यादि।
(आ) अरबी शब्द
अदा, अजब, अमीर, अजीब, अजायब, अदावत, अक्ल, असर, अहमक, अल्ला, आसार, आखिर, आदमी, आदत, इनाम, इजलास, इज्जत, इमारत, इस्तीफा, इलाज, ईमान, उम्र, एहसान, औरत, औसत, औलाद, कसूर, कदम, कब्र, कसर, कमाल, कर्ज, क़िस्त, किस्मत, किस्सा, किला, कसम, कीमत, कसरत, कुर्सी, किताब, कायदा, कातिल, खबर, खत्म, खत, खिदमत, खराब, खयाल, गरीब, गैर, जिस्म, जलसा, जनाब, जवाब, जहाज, जालिम, जिक्र, तमाम, तकदीर, तारीफ, तकिया, तमाशा, तरफ, तै, तादाद, तरक्की, तजुरबा, दाखिल, दिमाग, दवा, दाबा, दावत, दफ्तर, दगा, दुआ, दफा, दल्लाल, दुकान, दिक, दुनिया, दौलत, दान, दीन, नतीजा, नशा, नाल, नकद, नकल, नहर, फकीर, फायदा, फैसला, बाज, बहस, बाकी, मुहावरा, मदद, मरजी, माल, मिसाल, मजबूर, मालूम, मामूली, मुकदमा, मुल्क, मल्लाह, मौसम, मौका, मौलवी, मुसाफिर, मशहूर, मजमून, मतलब, मानी, मान, राय, लिहाज, लफ्ज, लहजा, लिफाफा, लायक, वारिस, वहम, वकील, शराब, हिम्मत, हैजा, हिसाब, हरामी, हद, हज्जाम, हक, हुक्म, हाजिर, हाल, हाशिया, हाकिम, हमला, हवालात, हौसला इत्यादि।
(इ) तुर्की शब्द
आगा, आका, उजबक, उर्दू, कालीन, काबू, कैंची, कुली, कुर्की, चिक, चेचक, चमचा, चुगुल, चकमक, जाजिम, तमगा, तोप, तलाश, बेगम, बहादुर, मुगल, लफंगा, लाश, सौगात, सुराग इत्यादि।
(ई) अँगरेजी शब्द
इनके अतिरिक्त, हिन्दी में अँगरेजी के कुछ तत्सम शब्द ज्यों-के-त्यों प्रयुक्त होते है। इनके उच्चारण में प्रायः कोई भेद नहीं रह गया है। जैसे- अपील, आर्डर, इंच, इण्टर, इयरिंग, एजेन्सी, कम्पनी, कमीशन, कमिश्रर, कैम्प, क्लास, क्वार्टर, क्रिकेट, काउन्सिल, गार्ड, गजट, जेल, चेयरमैन, ट्यूशन, डायरी, डिप्टी, डिस्ट्रिक्ट, बोर्ड, ड्राइवर, पेन्सिल, फाउण्टेन, पेन, नम्बर, नोटिस, नर्स, थर्मामीटर, दिसम्बर, पार्टी, प्लेट, पार्सल, पेट्रोल, पाउडर, प्रेस, फ्रेम, मीटिंग, कोर्ट, होल्डर, कॉलर इत्यादि।
(उ) पुर्तगाली शब्द
इसी तरह, आया, इस्पात, इस्तिरी, कमीज, कनस्टर, कमरा, काजू, क्रिस्तान, गमला, गोदाम, गोभी, तौलिया, नीलाम, परात, पादरी, पिस्तौल, फर्मा, मेज, साया, सागू आदि पुर्तगाली तत्सम के तद्भव रूप भी हिन्दी में प्रयुक्त होते है।
ऊपर जिन शब्दों की सूची दी गयी है उनसे यह स्पष्ट है कि हिन्दी भाषा में विदेशी शब्दों की कमी नहीं है। ये शब्द हमारी भाषा में दूध-पानी की तरह मिले है। निस्सन्देह, इनसे हमारी भाषा समृद्ध हुई है।
4. प्रयोग के आधार पर शब्द – भेद :-
प्रयोग के आधार पर शब्द के निम्नलिखित आठ भेद है :-
संज्ञा
सर्वनाम
विशेषण
क्रिया
क्रिया-विशेषण
संबंधबोधक
समुच्चयबोधक
विस्मयादि बोधक
विस्मयादिबोधकइन उपर्युक्त आठ प्रकार के शब्दों को भी विकार की दृष्टि से दो भागों में बाँटा जा सकता है
1. विकारी शब्द :- जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं।
जैसे :- कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे,हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं।
विकारी शब्द चार प्रकार के होते है-
(i) संज्ञा (noun)
(ii) सर्वनाम (pronoun)
(iii) विशेषण (adjective)
(iv) क्रिया (verb)
2. अविकारी शब्द :-जिन शब्दों के रूप में कोई परिवर्तन नही होता, उन्हें अविकारी शब्द कहते है।
दूसरे शब्दों में- अ + विकारी यानी जिनमें परिवर्तन न हो। ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन, कारक आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता, अविकारी शब्द कहलाते हैं।
जैसे- परन्तु, तथा, यदि, धीरे-धीरे, अधिक आदि।
अविकारी शब्द भी चार प्रकार के होते है-
(i)क्रिया-विशेषण (Adverb)
(ii)सम्बन्ध बोधक (Preposition)
(iii)समुच्चय बोधक(Conjunction)
(iv)विस्मयादि बोधक(Interjection)
उपरोक्त पर आधारित मिश्रित प्रश्न
Q31.लोटा शब्द है
तत्सम
तदभव
देशज
विदेशज
Q32.कमल किस प्रकार का शब्द है
रूढ़
यौगिक
योगरूढ
इनमें से कोई नहीं
Q33.पाकशाला किस प्रकार का शब्द है
रूढ़
यौगिक
योगरूढ
इनमें से कोई नहीं
Q34.दशानन किस प्रकार का शब्द है
रूढ़
यौगिक
योगरूढ
इनमें से कोई नहीं
Q35.निम्न में से तत्सम शब्द का चयन कीजिये
बारात
वर्षा
हाथी
आयु
उत्तर -वर्षा
Q36.निम्न में रूढ़ शब्द कौन सा है
वाचनालय
समतल
विद्यालय
पशु
उत्तर -पशु
Q37.मगही शब्द है
तत्सम
तदभव
देशज
विदेशज
उत्तर -तदभव
Q38 . निम्न में से कौन सा शब्द तुर्की भाषा का है
चाय
रिक्शा
कमरा
कैंची
उत्तर -कैंची
Q39 .निम्न में रूढ़ शब्द कौन सा है
वाचनालय
समतल
विद्यालय
पशु
उत्तर -पशु
Q40 .शब्द रचना के आधार पर बताइये कि कौन सा शब्द योगरूढ़ है
पवित्र
कुशल
विनिमय
जलज
उत्तर -जलज
Q41. स्वतंत्र सत्ता धारण न करने वाले शब्द क्या कहलाते है
रूढ़
यौगिक
योगरूढ
इनमें से कोई नहीं
उत्तर -यौगिक
Q42.निम्न में कौन यौगिक शब्द है
लेखक
पुस्तक
विद्यालय
योगी
उत्तर -विद्यालय
Q43.यौगिक शब्द कौन सा है
पंकज
पाठशाला
दिन
जलज
Q44.योगरूढ़ शब्द कौन सा है
पीला
घुड़सवार
लम्बोदर
नाक
Q45.संकर शब्द का अर्थ है
तत्सम
तदभव
विदेशी
दो भाषाओँ के शब्दों से मिलकर बना शब्द
Q46. रेलगाड़ी शब्द है
तत्सम
देशज
विदेशज
संकर
उत्तर -संकर
Q47.निम्न में कौन सा शब्द तत्सम है
उद्गम
खेत
कोर्ट
अजीब
Q48.अपील शब्द है
A.तत्सम
B.तदभव
C.देशज
D.विदेशज
Q49. निम्न में से तत्सम शब्द है
उल्लू
उलूल
उलूक
उलक
Q50. गाड़ी शब्द है
विदेशी
देशी
आगत
विदेशज
उत्तर -देशी
आज का प्रश्न
निम्न में से तत्सम शब्द है -
आंख
अच्छि
अक्षी
अक्षि
उत्तर -अक्षि
Hindi class no- 04 for SSC GD , CRPF , CISF , ITBP , NIA -Constable , Tradesman and Head Constable exam - शुद्ध -shabd-, सार्थक शब्द ,निरर्थक शब्द,रूढ़,
यौगिक,योगरूढ़, तत्सम ,तद्भव,देशज,विदेशी या विदेशज शब्द
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