Sandhi vichchhed - संधि विच्छेद
गुरु + अर्पण – गुर्वर्पण
संधि का प्रकार :- यण स्वर संधि (उ , ऊ + अन्यस्वर = व )
यण संधि – ‘इ’ , ‘ई’ के पश्चात विजातीय स्वर हो तो ‘य’ तथा ‘उ’ , ‘ऊ’ के पश्चात अन्य स्वर हो तो ‘व’ तथा ‘ऋ’ के पश्चात अन्य स्वर हो तो ‘र’ हो जाता है।
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