नीरस का संधि विच्छेद (neeras ka sandhi vichchhed) : - - www.studyandupdates.com

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नीरस का संधि विच्छेद (neeras ka sandhi vichchhed) : -

Sandhi vichchhed  - संधि विच्छेद


नीरस = निः + रस


नीरस का संधि विच्छेद  =  निः + रस


नियम -

यदि 'इ' - 'उ' के बाद विसर्ग हो और इसके बाद 'र' आये, तो 'इ' - 'उ' का 'ई' - 'ऊ' हो जाता है और विसर्ग लुप्त हो जाता है।

या 

विसर्ग से पहले आ को छोड़कर किसी अन्य स्वर के होने पर और विसर्ग के बाद र रहने पर विसर्ग लुप्त हो जाता है और यदि उससे पहले ह्रस्व स्वर हो तो वह दीर्घ हो जाता है।


संधि का प्रकार :- विसर्ग-संधि

   

विसर्ग-संधि : - विसर्ग संधि विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन मेल से जो विकार होता है उसे विसर्ग संधि कहते है।








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