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मीथेन गैस कैसे बनती है ? / How is methane gas formed?

Question / प्रश्न : - मीथेन गैस कैसे बनती है ? / How is methane gas formed?



Answer / उत्तर – सोडियम एसीटेट को सोडा लाइम के साथ गर्म करने पर / On heating sodium acetate with soda lime



Methane is a colorless and odorless gas that is used as a fuel. It is the main component of natural gas. The chemical formula of methane gas is CH4. It is the first member of the alkane series and is the most common hydrocarbon. When it reaches the surface and atmosphere, it is known as atmospheric methane. The density of methane in the Earth's atmosphere has increased by about 150% since 1750 and is a greenhouse gas. Methane gas was first discovered in November 1776 by Italian and Swiss scientist Alessandro Volta. He had identified this gas in the marshes of Lake Maggiore. Methane accumulates in coal mines, which can cause explosions and fire incidents. Methane gas is produced by heating sodium acetate with sodium hydroxide and calcium oxide. Physical Properties: It is a colorless gas. It is insoluble in water. It is lighter than air. It produces greenhouse effect. Compressed natural gas (CNG) is primarily methane. Chemical Properties: (1) Methane burns with a blue flame in air and produces carbon dioxide, water and a large amount of heat (55,000 joules per kilogram). Uses of Methane: 1. Methane is used as a gaseous fuel for both households and industries as it produces a large amount of heat when burned. 2. Nowadays it is being widely used for driving automatic vehicles especially buses, cars and auto vehicles. 3. It is used for making Kajal (Kajjal Carbon). 4. Methane is used in the manufacture of a large number of organic compounds, which are used in domestic and industrial applications.


मिथेन (Methane) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है। यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है। मिथेन गैस का रासायनिक सूत्र CH4 है। यह अल्केन श्रेणी का प्रथम सदस्य है और सबसे साधारण हाइड्रोकार्बन है। जब यह सतह और वातावरण पहुंचता है, यह वायुमंडलीय मीथेन के रूप में जाना जाता है पृथ्वी के वायुमंडल में मीथेन का घनत्व 1750 के बाद से लगभग 150% की वृद्धि हुई है और यह एक ग्रीन हाउस गैस है। मीथेन गैस की खोज सबसे पहले नवंबर 1776 में इटली और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिक एलेसान्द्रो वोल्ता ने की थी। उन्होंने मैगिओर झील के दलदल में इस गैस की पहचान haffman ne kiya की थी ।मेथैन कोयला खानों में इकट्ठा हो जाती है जिससे विस्फोट एवं आग लगने की घटनाएँ हो सकती हैं । सोडियम एसोटेट को सोडियम हाइड्रॉकसाइड तथा कैल्सियम ऑक्साइड के साथ गर्म करके मेथैन गैस बनाई जाती है । भौतिक गुण (Physical Properties): यह रंगहीन गैस है । यह जल में अविलेय है । यह वायु से हल्की होती है । यह ग्रीन हाउस प्रभाव पैदा करती है । संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) मुख्यत: मेथैन होती है । रासायनिक गुण (Chemical Properties): (1) मेथैन, वायु में नीले लौ के साथ जलती है और कार्बन डाइऑक्साइड, जल और बड़ी मात्रा में ऊष्मा (55,000 किलो जूल प्रति किलोग्राम) उत्पत्र करती है । मेथैन के उपयोग (Uses of Methane): 1. मेथैन का उपयोग घरों एवं उद्योगों दोनों गैसीय ईंधन के रूप में किया जाता है क्योंकि यह जलने पर बडी मात्रा में ऊष्मा उत्पत्र करती है । 2. आजकल इसका व्यापक रूप में उपयोग स्वचालित वाहनों विशेषकर बसों, कारों एवं आटो रिक्यइओं को चलाने के लिए किया जा रहा है । 3. यह काजल (कज्जल कार्बन) बनाने के लिए उपयोग में आता है । 4. मेथैन का उपयोग बहुत बड़ी संख्या में कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में किया जाता है, जिनका उपयोग घरेलू एवं उद्योगों में किया जाता है



 






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