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हीरा और ग्रेफाइट में मुख्य अंतर है । / The main difference between diamond and graphite is

Question / प्रश्न : - हीरा और ग्रेफाइट में मुख्य अंतर है । / The main difference between diamond and graphite is



Answer / उत्तर – चतुष्फल्कीय सरंचना एवं षट्कोणीय संरचना / tetrahedral structure and hexagonal structure



हीरा में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य 04 कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय ढंग से जुड़कर दृढ़ त्रिविमीय जालक का निर्माण करते है। इस संरचना में संपूर्ण जालक में दिशात्मक सहसंयोजक आबंध उपस्थित रहते है। इस प्रकार विस्तृत सहसंयोजक आबंधन को तोड़ना कठिन होता है। अत: हीरा पृथ्वी पर पाया जाने वाला सर्वाधिक कठोर पदार्थ है। 1. शुद्ध हीरा पारदर्शक व रंगहीन ठोस होता है। 2. इसका घनत्व और अपवर्तनांक क्रमशः 3.67 और 2.44 है। 3. यह अक्रिय और अत्यधिक विषैला है। 4. यह मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण विद्युत का कुचालक है लेकिन ऊष्मा (ताप) का चालन कर सकता है। 5. शुद्ध रूप में यह X-किरणों के लिए पारदर्शी होता है, अशुद्ध रूप में नहीं। अत: x-किरणें शुद्ध व संश्लेषित हीरों में भेद करने में प्रयुक्त किया जाता है।



Each carbon atom in diamond joins tetrahedral to the other four carbon atoms to form a rigid three dimensional lattice. In this structure directional covalent bonds are present throughout the lattice. Thus it is difficult to break the extended covalent bond. Therefore, diamond is the hardest substance found on earth. 1. Pure diamond is a transparent and colorless solid. 2. Its density and refractive index are 3.67 and 2.44 respectively. 3. It is inert and highly toxic. 4. It is a poor conductor of electricity due to the absence of free electrons but can conduct heat. 5. In pure form it is transparent to X-rays, but not in impure form. Therefore, X-rays are used to distinguish between pure and synthetic diamonds.



ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु समान तल में निकटवर्ती 03 अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़कर षट्कोणीय वलय (Hexagonal Ring) के रूप में व्यवस्थित होते है। प्रत्येक कार्बन परमाणु का चौथा इलेक्ट्रॉन मुक्त होता है, और पूरे क्रिस्टल चालक में गमन करता है। ग्रेफाइट को विद्युत का उत्तम चालक है। ग्रेफाइट में द्विविमीय चादर जैसी संरचना होती है। 1. ग्रेफाइट अपनी परतीय संरचना के कारण मुलायम, मृदु व चिकनी है। यह इतना मुलायम है कि इसका प्रयोग लैड पेन्सिल के रूप में कागज पर निशान बनाने के लिए किया जाता है। अत: इसे काला सीसा (Black Lead) नाम से भी जाना जाता है।

2. बहुत उच्च ताप पर तथा उचित उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म करने पर यह हीरे में परिवर्तित हो जाता है। किसी भी दशा में हीरे का ग्रेफाइट में परिवर्तन सम्भव नहीं है।


In graphite, each carbon atom is arranged in the form of a hexagonal ring by joining with 3 other carbon atoms adjacent in the same plane. The fourth electron of each carbon atom is free, and moves throughout the crystal conductor. Graphite is a good conductor of electricity. Graphite has a two dimensional sheet-like structure. 1. Graphite is soft, ductile and smooth due to its layered structure. It is so soft that it is used as a lead pencil to make marks on paper. Hence it is also known as Black Lead. 2. On heating at very high temperature and in the presence of suitable catalyst, it turns into diamond. It is not possible to convert diamond into graphite under any circumstances.










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