लार की प्रकृति होती है / nature of saliva. - www.studyandupdates.com

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लार की प्रकृति होती है / nature of saliva.


Question / प्रश्न : -   लार की प्रकृति होती है । / It is the nature of saliva.


Answer / उत्तर –  अम्लीय / acidic



लार मौखिक द्रव का एक घटक है। लार उत्पादन और स्त्राव तीन में से एक लार ग्रंथियों से होता है। मानव लार 98% पानी से बना है, जबकि इसका शेष 2% अन्य यौगिक जैसे इलेक्ट्रोलाईट, बलगम, जीवाणुरोधी यौगिकों तथा एंजाइम होता है। भोजन पाचन की प्रक्रिया के प्रारंभिक भाग के रूप में, लार के एंजाइम भोजन के कुछ स्टार्च और वसा को आणविक स्तर पर तोड़ते हैं। लार दांतों के बीच फंसे खाने को भी तोड़ती है और उन्हें उस बैक्टीरिया से बचाती है जो क्षय का कारण होते हैं। इसके अलावा, लार दांतों, जीभ और मुंह के अंदर कोमल ऊतकों को चिकनाई देती है और उनकी रक्षा करती है। लार मुंह में रहने वाले वात निरपेक्ष बैक्टीरिया के द्वारा गंध-मुक्त भोजन यौगिकों से उत्पादित थायोल्स (thiols) को फंसा कर भोजन का स्वाद चखने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।  / Saliva is a component of oral fluid. Saliva production and secretion comes from one of the three salivary glands. Human saliva is composed of 98% water, while the remaining 2% is composed of other compounds such as electrolytes, mucus, antibacterial compounds and enzymes. As an early part of the process of food digestion, enzymes in saliva break down some of the starch and fat in the food at the molecular level. Saliva also breaks down food stuck between the teeth and protects them from bacteria that cause decay. In addition, saliva lubricates and protects the teeth, tongue, and soft tissues inside the mouth. Saliva plays an important role in flavoring food by trapping thiols produced from odor-free food compounds by anaerobic bacteria living in the mouth.








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