Ravikirti, a jain, who composed the Aihole Prashasti, was patronized by / रविकीर्ति, एक जैन, जिन्होंने ऐहोल प्रशस्ति की रचना की थी, को किसके द्वारा संरक्षण दिया गया था? - www.studyandupdates.com

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Ravikirti, a jain, who composed the Aihole Prashasti, was patronized by / रविकीर्ति, एक जैन, जिन्होंने ऐहोल प्रशस्ति की रचना की थी, को किसके द्वारा संरक्षण दिया गया था?

Ravikirti, a jain, who composed the Aihole Prashasti, was patronized by / रविकीर्ति, एक जैन, जिन्होंने ऐहोल प्रशस्ति की रचना की थी, को किसके द्वारा संरक्षण दिया गया था?

 

(1) Pulakeshin I /पुलकेशिन I
(2) Harsha /हर्ष
(3) Pulakeshin II /पुलकेशिन II
(4) Kharavela / खारवेल

(SSC CHSL (10+2) DEO & LDC Exam. 09.11.2014)

 

Answer / उत्तर :-

(3) Pulakeshin II /पुलकेशिन II

Explanation / व्याख्या :-

Ravikirti was the court poet of Chalukya King, Pulakesin II who reigned from 610 to 642 A.D. He authored the Aihole inscription at Meguti Temple which describes the defeat of Harshavardhana by Pulakesin II and the shifting of the capital from Aihole to Badami. /रविकीर्ति चालुक्य राजा, पुलकेशिन द्वितीय के दरबारी कवि थे, जिन्होंने 610 से 642 ईस्वी तक शासन किया। उन्होंने मेगुती मंदिर में ऐहोल शिलालेख लिखा, जिसमें पुलकेशिन द्वितीय द्वारा हर्षवर्धन की हार और राजधानी को ऐहोल से बादामी में स्थानांतरित करने का वर्णन है।

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