Which of the following is not the “Tri Ratna” of Jainism ? / निम्नलिखित में से कौन जैन धर्म का “त्रि रत्न” नहीं है?
(1) Right faith / सही विश्वास
(2) Right knowledge / सही ज्ञान
(3) Right view / सही दृश्य
(4) Right conduct / सही आचरण
(SSC CISF Constable (GD) Exam. 05.06.2011)
Answer / उत्तर :-
(3) Right view / सही दृश्य
Explanation / व्याख्या :-
In Jainism the three jewels (also referred to as ratnatraya) are understood as samyagdarshana (“right faith”), samyagjnana (“right knowledge”), and samyakcharitra (“right conduct”). One of the three cannot exist exclusive of the others, and all are required for spiritual liberation. /जैन धर्म में तीन रत्नों (जिन्हें रत्नत्रय भी कहा जाता है) को सम्यग्दर्शन (“सही विश्वास”), सम्यग्ज्ञान (“सही ज्ञान”), और सम्यक्चरित्र (“सही आचरण”) के रूप में समझा जाता है। तीनों में से एक का अस्तित्व दूसरों से अलग नहीं हो सकता, और सभी आध्यात्मिक मुक्ति के लिए आवश्यक हैं।
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