Question / प्रश्न : - आनुवंशिकता के नियम की खोज की / discovered the law of heredity
Answer / उत्तर – ग्रेगरी मेंडल / Gregory Mendel
Gregor John Mendel (Gregor John Mendel, 1822–84) was the pastor of a Christian monastery in Brunn, Austria. He laid the foundation of modern genetics with his scientific discoveries. He published the findings of his experiments on pea plants in the Annual proceedings of the natural history society or Brunn in 1866, but this was not noticed in the scientific world for 34 years. After his death in 1900 AD, the conclusions of his experiments were recognized by scientists.
Mendel chose seven pairs of properties of peas for his experiments, each of which had the ability to suppress another property during the experiment. He called the first a dominant and the second a recessive quality. Mendel expressed these factors responsible for the inheritance of traits with a symbol. Of the pairs of attributes, he expressed the factor of dominant character with capital letters and the factor of recessive character with small letters in English. For example, "T" for tallness and 't' for dwarfism. Characters Dominant characters Recessive characters
1. Seed Shape Round Smooth Seed Wrinkled Seed
2. cotyledon color yellow cotyledon green cotyledon
3. Flower color red white
4. Pod shape Smooth narrowed
5. Pod color greenish yellow
6. Position of Flowers Orbital Anterior
7. Plant Length Dwarf
According to Mendel, each germ cell has two factors to express the same property. When these two factors are equal, then this condition is called Homozygous and when they are opposite, then this condition is called Heterozygous. Example- – Homozygous Tt – Heterozygous Mendel first studied the inheritance of one pair of opposite properties and then the inheritance of two pairs of opposite properties, which are called monohybrid crosses and dihybrid crosses, respectively. Monohybrid cross: When two plants are crossed on the basis of one unit trait, it is called monohybrid cross. In a hybrid cross, Mendel selected two such subspecies of pea plants, one tall (Tall) and the other dwarf (Dwarf) in pairs of opposite traits and when it was crossed among themselves, it was seen that the seeds in the first generation (F1 Generation) The plants that were produced by him were all tall. All these first generation plants are called F1 plants. He then grew the plants obtained from the F1 generation by self-pollination and found that the phenotypic ratio of tall and short plants found in the second generation F2 was 3 : 1. This type of ratio is also called monohybrid ratio. Of the three tall plants, one was pure tall (TT) and two were mixed or hybrid tall (Tt). A dwarf plant that formed from the F2 generation was a pure dwarf.
ग्रेगर जॉन मेंडल (Gregor John Mendel, 1822-84) आस्ट्रिया देश के ब्रून (Brunn) नामक स्थान में ईसाइयों के एक मठ के पादरी थे। उन्होंने अपने वैज्ञानिक खोजों से आधुनिक आनुवंशिकी की नीव डाली। मटर के पौधों पर किए गए अपने प्रयोगों के निष्कर्षों को उन्होंने 1866 ई. में Annual proceedings of the natural history society or brunn में प्रकाशित कराया, परन्तु विज्ञान जगत में 34 वर्षों तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उनके मृत्यु के पश्चात् 1900 ई. में इनके प्रयोगों के निष्कर्ष को वैज्ञानिकों द्वारा मान्यता मिली।
मेंडल ने अपने प्रयोगों के लिए मटर के सात जोड़ी गुणों को चुना, जिनमें से प्रत्येक जोड़े का एक गुण प्रयोग के दौरान दूसरे गुण को दबाने की क्षमता रखता था। उन्होंने पहले को प्रभावी (Dominant) तथा दूसरे को अप्रभावी (Recessive) गुण कहा। मेंडल ने गुणों की वंशागति के लिए जिम्मेदार इन कारकों (Factors) को एक प्रतीक से व्यक्त किया। गुणों के जोड़ों में से उन्होंने प्रभावी लक्षण के कारक को अंग्रेजी के बड़े अक्षर (Capital letters) तथा अप्रभावी लक्षण के कारक को अंग्रेजी के छोटे अक्षर (small letters) से व्यक्त किया। जैसे- लम्बेपन के लिए “T” तथा बौनेपन के लिए ‘t ।
लक्षण (Characters) प्रभावी गुण अप्रभावी गुण
1. बीजों की आकृति गोल चिकना बीज झुर्रीदार बीज
2. बीजपत्र का रंग पीला बीजपत्र हरा बीजपत्र
3. पुष्प का रंग लाल सफेद
4. फली की आकृति चिकनी संकीर्णित
5. फली का रंग हरा पीला
6. पुष्प की स्थिति कक्षस्थ अग्रस्थ
7. पौधे की लम्बाई लम्बा बौना
मेंडल के अनुसार प्रत्येक जनन कोशिका में एक ही गुण को व्यक्त करने के लिए दो कारक (Factor) होते हैं। जब ये दोनों कारक समान हों, तो इस स्थिति को समयुग्मजी (Homozygous) तथा जब ये विपरीत हों, तो इस स्थिति को विषमयुग्मजी (Heterozygous) कहते हैं। उदाहरण- ТТ – समयुग्मजी (Homozygous) Tt – विषमयुग्मजी (Heterozygous) मेंडल ने पहले एक जोड़ी विपरीत गुणों और फिर दो जोड़ी विपरीत गुणों की वंशागति का अध्ययन किया, जिन्हें क्रमशः एकसंकरीय क्रॉस तथा द्धिसंकरीय क्रॉस कहते हैं। एकसंकरीय क्रॉस (Monohybrid cross): जब दो पौधों के बीच एक इकाई लक्षण के आधार पर संकरण कराया जाता है, तो इसे एकसंकरीय क्रॉस कहते हैं। एक संकरीय क्रॉस में मेंडल ने मटर के पौधों की दो ऐसी उपजातियाँ चुनी जिनके विपरीत लक्षणों के जोड़ों में एक लम्बा (Tall) तथा दूसरा बौना (Dwarf) था और इसका आपस में क्रॉस कराया तो देखा गया कि पहली पीढ़ी (F1 Generation) में बीजों द्वारा जो पौधे उत्पन्न हुए, वे सभी लम्बे थे। इन सभी पहली पीढ़ी वाले पौधों को F1 पौधे कहते हैं। F1 पीढ़ी से प्राप्त पौधों को उन्होंने फिर स्वपरागण (self pollination) द्वारा उगाया और पाया कि दूसरी पीढ़ी F2 में पाये जाने वाले लम्बे तथा नाटे पौधों का समलक्षणी अनुपात (Phenotypic ratio) 3 : 1 था। इस प्रकार के अनुपात को एकसंकरीय अनुपात् (Monohybrid Ratio) भी कहते हैं। तीन लम्बे पौधों में एक शुद्ध लम्बा (Pure tall, TT) और दो मिश्रित या संकर लम्बे (Mixed or hybrid tall, Tt) थे। एक बौना पौधा जो F2 पीढ़ी से बना था, वह शुद्ध बौना था।
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