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Linseed is obtained from / अलसी प्राप्त होता है

Linseed is obtained from / अलसी प्राप्त होता है

 

(1) Castor / अरंडी
(2) Flax / सन
(3) Groundnut / मूंगफली
(4) Sesame / तिल

(SSC CGL Tier-I Re-Exam, 30.08.2015)

Answer / उत्तर :-

(2) Flax / सन

 

अलसी की उन्नत खेती - Krishi Jagran Hindi

 

Explanation / व्याख्या :-

Linseed are the seeds of the flax plant, which are the source of linseed oil and linseed cake. Flax is a member of the genus Linum in the family Linaceae. Linseed is one of the most potent sources of omega 3 fatty acids found in nature.

Linseed is the second important crop among oilseed crops. The entire linseed plant is of economic importance. A valuable fiber called linen is obtained from its stem and the seeds are used in medicinal form along with obtaining oil. Flaxseed is considered a daily food in Ayurveda. About 20 percent of the total production of linseed is used in the form of edible oil and the remaining 80 percent is used in industries. Flax seeds contain 50 to 60 percent omega-3 fatty acids. In addition, it contains alpha linolenic acid, ligase, protein and food fiber etc. Omega-3 fatty acids are beneficial in diseases like diabetes, arthritis, obesity, high blood pressure, cancer, mental stress (depression), asthma etc.

Linseed is the second important crop among oilseed crops. In the world in terms of production of flaxseed, our country is in third place, while Canada is in first place and China is in second place. At present, it is being cultivated on about 448.7 thousand hectares of land and the total production is 168.7 thousand tonnes and the average yield is 378 kg. Gram. is per hectare. It is cultivated mainly in the states of India, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, Chhattisgarh, Bihar, Rajasthan, Odisha, Maharashtra and Karnataka etc. About 20 percent of the total production of linseed is used in the form of edible oil and the remaining 80 percent for industrial use such as dry oil, paint making, varnish, lamination, oil cloth, leather, printing ink, paste, tapillon soap etc. . Therefore, seed production depends on the plant part of insects and on fiber and oil.

अलसी अलसी के पौधे के बीज हैं, जो अलसी के तेल और अलसी की खली का स्रोत हैं। फ्लैक्स लिनेसी परिवार में जीनस लिनम का सदस्य है। अलसी प्रकृति में पाए जाने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड के सबसे शक्तिशाली स्रोतों में से एक है।

अलसी तिलहन फसलों में दूसरी महत्वपूर्ण फसल है. अलसी का सम्पूर्ण पौधा आर्थिक महत्व का होता है. इसके तने से लिनेन नामक बहुमूल्य रेषा प्राप्त होता है और बीज का उपयोग तेल प्राप्त करने के साथ-साथ औषधीय रूप में किया जाता है. आयुर्वेद में अलसी को दैनिक भोजन माना जाता है. अलसी के कुल उत्पादन का लगभग 20 प्रतिषत खाद्य तेल के रूप में तथा शेष 80 प्रतिषत उद्योगों में प्रयोग होता है. अलसी का बीज ओमेगा-3 वसीय अम्ल 50 से 60 प्रतिषत पाया जाता है. साथ ही इसमें अल्फा लिनोलिनिक अम्ल, लिग्नेज, प्रोटीन व खाद्य रेषा आदि. ओमेगा-3 वसीय अम्ल मधुमेह गठिया, मोटापा, उच्च रक्तचाप, कैंसर, मानसिक तनाव (डिप्रेषन), दमा आदि बीमारियों में लाभदायक होता है.

अलसी तिलहन फसलों में दूसरी महत्वपूर्ण फसल है. विश्व में अलसी के उत्पादन के दृष्टिकोण से हमारे देश का तीसरा स्थान है जबकि प्रथम स्थान पर कनाडा व दूसरे स्थान पर चीन है. वर्तमान समय में लगभग 448.7 हजार हैक्टेयर भूमि पर इसकी खेती की जा रही है एवं कुल उत्पादन 168.7 हजार टन व औसतन पैदावार 378 कि. ग्रा. प्रति हैक्टेयर है. भारत मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक आदि प्रदेशों में इसकी खेती की जाती है. अलसी के कुल उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत खाद्य तेल के रूप में तथा शेष 80 प्रतिशत तेल औद्योगिक प्रयोग जैसे सूखा तेल, पेन्ट बनाने में, वारनिश, लेमिनेशन, तेल कपड़े, चमडे, छपाई की स्याही, चिपकाने, टैपिलोन साबुन आदि में किया जाता है. इसलिए बीज उत्पादन व रेशा व तेल पर कीटों के पौधे के भाग पर निर्भर करता है.

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