ईर्ष्या …(1)...लज्जावती वृत्ति है। वह अपने धारणकर्ता अर्थात स्वामी के सामने भी ..(2)...खोलकर नहीं आती। (eershya …(1)...lajjaavatee vrtti hai. vah apane dhaaranakarta arthaat svaamee ke saamane bhee ..(2)...kholakar nahin aatee.) - www.studyandupdates.com

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ईर्ष्या …(1)...लज्जावती वृत्ति है। वह अपने धारणकर्ता अर्थात स्वामी के सामने भी ..(2)...खोलकर नहीं आती। (eershya …(1)...lajjaavatee vrtti hai. vah apane dhaaranakarta arthaat svaamee ke saamane bhee ..(2)...kholakar nahin aatee.)

गद्यांश

ईर्ष्या …(1)...लज्जावती वृत्ति है। वह अपने धारणकर्ता  अर्थात  स्वामी के सामने भी ..(2)...खोलकर नहीं आती। उसके रूप आदि का पूरा……(3)....न पाकर भी धारण कर्तव्य उसका हरम की बेगमों से अधिक परदा करता है। वह कभी…(4)..... रूप से समाज के सामने नहीं आती। उसका कोई बाहरी ….(5)...धारणकर्ता  पर नहीं दिखाई देता।

21 . गद्यांश के रिक्त स्थान… (1).... के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द होगा-

  1. अत्यंत
  2. प्रेरक
  3. न्यून
  4. अनुकरणीय

उत्तर :- अत्यंत

22 . गद्यांश के रिक्त स्थान… (2).... के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द होगा-

  1. हाथ
  2. मुँह
  3. पैर
  4. गर्दन

उत्तर :- मुँह

23. गद्यांश के रिक्त स्थान… (3).... के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द होगा-

  1. सौन्दर्य
  2. परिचय
  3. मूल्य
  4. आकर्षण  

उत्तर :- परिचय

24. गद्यांश के रिक्त स्थान… (4).... के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द होगा-

  1. परोक्ष
  2. रहस्य
  3. प्रत्यक्ष
  4. अलौकिक

उत्तर :- प्रत्यक्ष


25. गद्यांश के रिक्त स्थान… (5).... के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द होगा-

  1. उदाहरण
  2. अंग
  3. साधन
  4. लक्षण

उत्तर :-लक्षण

SSC Constable (GD) 2021

CRPF , CISF , BSF, SSB , NIA , ITBP , SSF and Assam Rifles



SSC GD 2021 - Held on 22.11.2021 - 3rd  shift 


भाग -  D


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