'मुदित महीपति मंदिर आए सेवक सचिव सुमंत बुलाएं' , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
- उपमा अलंकार
- रूपक अलंकार
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
उत्तर- [C] अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकार - जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।
इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक धार आवृत्ति होती है
चौपाई :-
मुदित महीपति मंदिर आए। सेवक सचिव सुमंत्रु बोलाए॥
कहि जयजीव सीस तिन्ह नाए। भूप सुमंगल बचन सुनाए॥1॥
भावार्थ :-
राजा आनंदित होकर महल में आए और उन्होंने सेवकों को तथा मंत्री सुमंत्र को बुलवाया। उन लोगों ने 'जय-जीव' कहकर सिर नवाए। तब राजा ने सुंदर मंगलमय वचन (श्री रामजी को युवराज पद देने का प्रस्ताव) सुनाए॥1॥
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