"अब अली रही गुलाब में, अपत कटीली डार" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ("ab alee rahee gulaab mein, apat kateelee daar" , is pankti mein kaun sa alankaar hai) :- - www.studyandupdates.com

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"अब अली रही गुलाब में, अपत कटीली डार" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ("ab alee rahee gulaab mein, apat kateelee daar" , is pankti mein kaun sa alankaar hai) :-

"अब अली रही गुलाब में, अपत कटीली डार" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है一

  1. उपमा अलंकार
  2. उत्प्रेक्षा अलंकार
  3. अन्योक्ति अलंकार
  4. आतिशयोक्ति अलंकार


उत्तर- अन्योक्ति अलंकार




अन्योक्ति अलंकार - जब किसी अप्रस्तुत माध्यम से किसी प्रस्तुत (सच्चाई) का बोध कराया जाता है, तब वहाँ 'अन्योक्ति अलंकार' होता है।


अन्योक्ति – अन्य + उक्ति { अन्य = अन्य (दुसरे) के लिए।, उक्ति = कथन।


अर्थात अन्य (दुसरे) के लिए कथन।




जिन दिन देखे वे कुसुम गई सु बीती बहार।

अब अली रही गुलाब में अपत कंटीली डार॥


- यहां नायिका अपनी सहेली के साथ अपनी प्रेम की अभिव्यक्ति भंवरा तथा गुलाब के फूल के माध्यम से कर रही है।


इस दोहे में 'अलि' (भौरे) के माध्यम से कवि ने किसी गुणवान अथवा कवि की ओर संकेत किया है जिसका आश्रयदाता अब पतझड़ के गुलाब की तरह पत्र-पुष्पहीन (धनहीन) हो गया है।







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