"बिनु पद चलै सुनै बिनु काना, कर बिनु कर्म करै विधि नाना" ,इस चौपाई में कौन सा अलंकार है一
- विषम अलंकार
- विभावना अलंकार
- असंगति अलंकार
- तद्गुण अलंकार
उत्तर- विभावना अलंकार
विभावना अलंकार :- विभावना’ का अर्थ ‘विशेष कल्पना’ होता है। जहाँ पर कारण नहीं होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है, तो वहाँ पर विभावना अलंकार होता है।
जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का हुआ जाना पाया जाए, तो वहाँ पर ‘विभावना अलंकार’ होता है। अर्थात हेतु क्रिया (कारण) का निषेध होने पर भी फल की उत्पत्ति ‘विभावना अलंकार’ है।चौपाई
बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना। कर बिनु करम करइ बिधि नाना॥
आनन रहित सकल रस भोगी। बिनु बानी बकता बड़ जोगी॥
भावार्थ-
वह (ब्रह्म) बिना ही पैर के चलता है, बिना ही कान के सुनता है, बिना ही हाथ के नाना प्रकार के काम करता है, बिना मुँह (जिह्वा) के ही सारे (छहों) रसों का आनंद लेता है और बिना वाणी के बहुत योग्य वक्ता है।
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