'हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि' , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है (hanumaan kee poonchh mein lagan na paayee aagi , is pankti mein kaun sa alankaar hai yee) 一 - www.studyandupdates.com

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'हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि' , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है (hanumaan kee poonchh mein lagan na paayee aagi , is pankti mein kaun sa alankaar hai yee) 一

'हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि' , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है 一

  1. रूपक अलंकार
  2. वक्रोक्ति अलंकार
  3. अन्योक्ति अलंकार
  4. अतिश्योक्ति अलंकार



उत्तर- अतिश्योक्ति अलंकार


अतिश्योक्ति अलंकार :- जहाँ किसी वस्तु का इतना बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाए कि सामान्य लोक सीमा का उल्लंघन हो जाए वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। अर्थात जब किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन करने में लोक समाज की सीमा या मर्यादा टूट जाये उसे अतिश्योक्ति अलंकार कहते हैं।


हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि। 

सगरी लंका जल गई, गये निसाचर भागि।


स्पष्टीकरण इस उदाहरण में कहा गया है कि अभी हनुमान की पूंछ में आग लगने से पहले ही पूरी लंका जलकर स्वास हो गयी और सभी राक्षस भाग खड़े हुए। ये बात बिलकुल असंभव है। अतः यह अतिशयोक्ति के अंतर्गत आएगा।



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