Jagoi is a major style of which of the following dance forms of Indian classical dance ? / जागोई भारतीय शास्त्रीय नृत्य के निम्नलिखित में से किस नृत्‍य रूप की एक प्रमुख शैली है? - www.studyandupdates.com

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Jagoi is a major style of which of the following dance forms of Indian classical dance ? / जागोई भारतीय शास्त्रीय नृत्य के निम्नलिखित में से किस नृत्‍य रूप की एक प्रमुख शैली है?

03. Jagoi is a major style of which of the following dance forms of Indian classical dance ? / जागोई भारतीय शास्त्रीय नृत्य के निम्नलिखित में से किस नृत्‍य रूप की एक प्रमुख शैली है?


  1. Manipuri / मणिपुरी

  2. Satriya / सत्रीया

  3. Odyssey / ओडिसी

  4. Kathak / कथक


Answer /  उत्तर :- Manipuri / मणिपुरी




video class /  विडिओ क्लास :- 





Explanation  / व्याख्या :- 








मणिपुरी नृत्य को जागी के रूप में भी जाना जाता है, यह प्रमुख भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक है। / Manipuri dance also known as Jagi is one of the major Indian classical dance forms.


मणिपुरी नृत्य भारत का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है। इसका नाम इसकी उत्पत्तिस्थल (मणिपुर) के नाम पर पड़ा है। यह नृत्य मुख्यतः हिन्दू वैष्णव प्रसंगों पर आधारित होता है जिसमें राधा और कृष्ण के प्रेम प्रसंग प्रमुख है। मणिपुरी नृत्‍य भारत के अन्‍य नृत्‍य रूपों से भिन्‍न है। इसमें शरीर धीमी गति से चलता है, सांकेतिक भव्‍यता और मनमोहक गति से भुजाएँ अंगुलियों तक प्रवाहित होती हैं। यह नृत्‍य रूप 18वीं शताब्‍दी में वैष्‍णव सम्‍प्रदाय के साथ विकसित हुआ जो इसके शुरूआती रीति रिवाज और जादुई नृत्‍य रूपों में से बना है। विष्‍णु पुराण, भागवत पुराण तथा गीतगोविन्द की रचनाओं से आई विषयवस्तुएँ इसमें प्रमुख रूप से उपयोग की जाती हैं। / Manipuri dance is the main classical dance of India. It is named after its place of origin (Manipur). This dance is mainly based on Hindu Vaishnava themes, in which the love affair of Radha and Krishna is prominent. Manipuri dance is different from other dance forms of India. In this the body moves in slow motion, the arms flowing down to the fingers with symbolic grandeur and graceful movement. This dance form developed with the Vaishnava sect in the 18th century, drawing from its early rituals and magical dance forms. Themes from the works of Vishnu Purana, Bhagavata Purana and Gitagovinda are mainly used in it. मणिपुर की मीतई जनजाति की दंतकथाओं के अनुसार जब ईश्‍वर ने पृथ्‍वी का सृजन किया तब यह एक पिंड के समान थी। सात लैनूराह ने इस नव निर्मित गोलार्ध पर नृत्‍य किया, अपने पैरों से इसे मजबूत और चिकना बनाने के लिए इसे कोमलता से दबाया। यह मीतई जागोई का उद्भव है। आज के समय तक जब मणिपुरी लोग नृत्‍य करते हैं वे कदम तेजी से नहीं रखते बल्कि अपने पैरों को भूमि पर कोमलता और मृदुता के साथ रखते हैं। मूल भ्रांति और कहानियाँ अभी भी मीतई के पुजारियों या माइबिस द्वारा माइबी के रूप में सुनाई जाती हैं जो मणिपुरी की जड़ हैं। / According to the legends of the Meitei tribe of Manipur, when God created the earth, it was like a single body. The seven Lanurahs danced on this newly formed hemisphere, pressing it gently with their feet to make it firm and smooth. This is the origin of Meetai Jagoi. Till today when Manipuri people dance they do not step fast but keep their feet on the ground with softness and tenderness. The original myths and stories are still told as Maibi by the priests of Meetai or Maibis which are the root of Manipuri.


महिला "रास" नृत्‍य राधा-कृष्‍ण की विषयवस्‍तु पर आधारित है जो बेले तथा एकल नृत्‍य का रूप है। पुरुष "संकीर्तन" नृत्‍य मणिपुरी ढोलक की ताल पर पूरी शक्ति के साथ किया जाता है। / The female "Raas" dance is based on the theme of Radha-Krishna which is a form of ballet and solo dance. The male "sankirtan" dance is performed with full vigor to the beat of the Manipuri dholak.







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