जहाँ उपमेय में अनके उपमानो की शंका होती है, वहां कौन सा अलंकार होता है?
- यमक अलंकार
- श्लेष अलंकार
- भ्रांतिमान अलंकार
- सन्देह अलंकार
उत्तर- भ्रांतिमान अलंकार
भ्रांतिमान अलंकार :- जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं उदाहरण -
नाक का मोती अधर की कान्ति से, बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से। देखकर सहसा हुआ शुक मौन है। सोचता है अन्य शुक यह कौन है?
उपरोक्त पंक्तियों में नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है, इसीलिए यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है।
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