'नवजीवन दो घनश्याम हमें' में अलंकार हैं ?
- यमक
- श्लेष
- वीप्सा
- अनुप्रास
उत्तर- श्लेष अलंका
व्याख्या :-
जब कोई शब्द सिर्फ एक बार दिखाई देता है लेकिन एक से अधिक अर्थ होते हैं, तो इसे श्लेष अलंकरण के रूप में जाना जाता है।
श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं:-
- सभंग श्लेष
- अभंग श्लेष
उदाहरण-
रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
इस दोहे में रहीम ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है :
- पानी का पहला अर्थ मनुष्य के संदर्भ में है जब इसका मतलब विनम्रता से है। रहीम कह रहे हैं कि मनुष्य में हमेशा विनम्रता (पानी) होना चाहिए।
- पानी का दूसरा अर्थ आभा, तेज या चमक से है|
- पानी का तीसरा अर्थ जल से है|
नवजीवन दो घनश्याम हमें!
यहां घनश्याम का अर्थ है - कृष्ण, बादल, हथौड़ा।
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