"रहिमन पानी राखिय, बिन पानी सब सुन, पानी गये ना उबरे, मोती मानस चुन" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ? ("rahiman paanee raakhiy, bin paanee sab sun, paanee gaye na ubare, motee maanas chun" , is pankti mein kaun sa alankaar hai ?) - www.studyandupdates.com

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"रहिमन पानी राखिय, बिन पानी सब सुन, पानी गये ना उबरे, मोती मानस चुन" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ? ("rahiman paanee raakhiy, bin paanee sab sun, paanee gaye na ubare, motee maanas chun" , is pankti mein kaun sa alankaar hai ?)

"रहिमन पानी राखिय, बिन पानी सब सुन, पानी गये ना उबरे, मोती मानस चुन" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?


  1. रूपक अलंकार
  2.  उपमा अलंकार
  3.  श्लेष अलंकार
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

उत्तर- श्लेष अलंकार

श्लेष अलंकार क्या होता है :-

जहाँ पर कोई एक शब्द एक ही बार आये पर उसके अर्थ अलग अलग निकलें वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।
जैसे :- 
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।
पानी गए न उबरै मोती मानस चून।।

अर्थ – यह दोहा रहीम जी का है जिसमें रहीम जी ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है जिसमें पानी का पहला अर्थ आदमी या मनुष्य के संदर्भ में है जिसका मतलब विनम्रता से है क्योंकि मनुष्य में हमेशा विनम्रता होनी चाहिए। पानी का दूसरा अर्थ चमक या तेज से है जिसके बिना मोतियों का कोई मूल्य नहीं होता है। पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे को गूथने या जोड़ने में दिखाया गया है क्योंकि पानी के बिना आटे का अस्तित्व नम्र नहीं हो सकता है और मोती का मूल्य उसकी चमक के बिना नहीं हो सकता है उसी तरह से मनुष्य को भी अपने व्यवहार को हमेशा पानी की ही भांति विनम्र रखना चाहिए जिसके बिना उसका मूल्यह्रास होता है।










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