The teaching of Parshvanatha is collectively known as/पार्श्वनाथ की शिक्षा को सामूहिक रूप से जाना जाता है - www.studyandupdates.com

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The teaching of Parshvanatha is collectively known as/पार्श्वनाथ की शिक्षा को सामूहिक रूप से जाना जाता है

The teaching of Parshvanatha is collectively known as/पार्श्वनाथ की शिक्षा को सामूहिक रूप से जाना जाता है

  1.  Triratna/त्रिरत्न
  2.  Pancha Mahavrata/पंच महाव्रत
  3.  Panchsila/पंचशीला
  4.  Chaturyama/चतुर्यम

Answer / उत्तर :-

Chaturyama/चतुर्यम

 

 

 

Explanation / व्याख्या :-

 

 Parsvanatha was the twenty-third Tirthankara of Jainism. Chaturyama Dharma the ‘fourfold teaching’ of the Parshvanath. Chaturyama dharma, abstention from violence, theft, untruth and acquisitiveness./पार्श्वनाथ जैन धर्म के तेईसवें तीर्थंकर थे। चतुर्यम धर्म पार्श्वनाथ की ‘चौगुना शिक्षा’ है। चतुर्यम धर्म, हिंसा, चोरी, असत्य और अर्जन से विरत रहना।

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