"उषा सुनहले तीर बरसती, जयलक्ष्मी सी उदित हुई" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ("usha sunahale teer barasatee, jayalakshmee see udit huee" , is pankti mein kaun sa alankaar hai) -一 - www.studyandupdates.com

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"उषा सुनहले तीर बरसती, जयलक्ष्मी सी उदित हुई" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ("usha sunahale teer barasatee, jayalakshmee see udit huee" , is pankti mein kaun sa alankaar hai) -一

"उषा सुनहले तीर बरसती, जयलक्ष्मी सी उदित हुई" , इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है一

  1. मानवीकरण अलंकार
  2. दृष्टांत अलंकार
  3. सन्देह अलंकार
  4. विरोधाभाषा अलंकार


उत्तर- मानवीकरण अलंकार


मानवीकरण अलंकार :- जहाँ अचेतन वस्तु का चेतन अथवा जीवित (प्राणी) के समान वर्णन किया जाये अर्थात जब प्रकृति के पदार्थो पर मानवीय क्रियाकलापों का आरोप कर दिया अथवा प्रकृति की वस्तुओं को मनुष्य की तरह कार्य करते हुए प्रकट किया जाये, वहां मानवीकरण अलंकार होता है।



'उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई। - ' पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है। दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है।









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