Which of the following inscriptions of the time of Kanishka indicates that his empire was extended up to Champa in the east?/ कनिष्क के समय के निम्नलिखित शिलालेखों में से कौन सा यह दर्शाता है कि उसका साम्राज्य पूर्व में चंपा तक विस्तृत था?
- Sarnath inscription/सारनाथ शिलालेख
- Saheth-maheth inscription/सहेथ-महेथ शिलालेख
- Rabatak inscription/रबातक शिलालेख
- None of the above/उपरोक्त में से कोई नही
Answer / उत्तर :-
Rabatak inscription/रबातक शिलालेख
Explanation / व्याख्या :-
The Rabatak inscription is an inscription written on a rock in the Bactrian language and the Greek script, which was found in 1993 at the site of Rabatak, near Surkh Kotal in Afghanistan. The lines 4 to 7 of the inscription describe the cities which were under the rule of Kanishka, among which six names are identifiable: Ujjain, Kundina, Saketa, Kausambi, Pataliputra, and Champa./रबातक शिलालेख बैक्ट्रियन भाषा और ग्रीक लिपि में एक चट्टान पर लिखा गया एक शिलालेख है, जो 1993 में अफगानिस्तान में सुर्ख कोटाल के पास रबातक स्थल पर पाया गया था। शिलालेख की पंक्तियाँ 4 से 7 उन शहरों का वर्णन करती हैं जो कनिष्क के शासन के अधीन थे, जिनमें से छह नाम पहचाने जाने योग्य हैं: उज्जैन, कुंडिना, साकेत, कौशांबी, पाटलिपुत्र और चंपा।
No comments:
Post a Comment