Rajashekhara, the author of ‘Karpurmanjari’, was the teacher of/ ‘कर्पूरमंजरी’ के लेखक राजशेखर किसके शिक्षक थे?
- Mahendrapala /महेंद्रपाल
- Narsimhavarma /नरसिंहवर्मा
- Bhoja parmara/भोज परमार
- Yuvarajadeva/युवराजदेव
Answer / उत्तर :-
Mahendrapala /महेंद्रपाल
Explanation / व्याख्या :-
Rajashekhara, the author of ‘Karpurmanjri’ was the teacher of Mahendrapala I. Rajashekhara was an eminent Sanskrit poet, dramatist and critic. He was court poet of the Gurjara Pratiharas. He wrote Kavyamimamsa between 880 and 920 CE. The work is essentially a practical guide for poets that explains the elements and composition of a good poem. The fame of Rajashekhara rests firmly on his play Karpuramanjari, written in Sauraseni Prakrit. / ‘कर्पूरमंजरी’ के लेखक राजशेखर महेंद्रपाल प्रथम के शिक्षक थे। राजशेखर एक प्रख्यात संस्कृत कवि, नाटककार और आलोचक थे। वह गुर्जर प्रतिहारों के दरबारी कवि थे। उन्होंने 880 और 920 ई. के बीच काव्यमीमांसा लिखी। यह कार्य मूलतः कवियों के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शक है जो एक अच्छी कविता के तत्वों और रचना की व्याख्या करता है। राजशेखर की प्रसिद्धि उनके नाटक कर्पूरमंजरी पर टिकी हुई है, जो सौरसेनी प्राकृत में लिखा गया है।
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