“Tuhafat-ul-Muwahidin” a tract written by Ram Mohan Roy is / “तुहाफत-उल-मुवाहिदीन” राम मोहन राय द्वारा लिखित एक ट्रैक्ट है
- First tract against idolatry/मूर्तिपूजा के विरुद्ध पहला ट्रैक्ट
- First tract against Kulinism/कुलीनवाद के विरुद्ध पहला ट्रैक्ट
- First tract against system of Sati/सती प्रथा के ख़िलाफ़ पहला ट्रैक्ट
- First tract against widow remarriage/विधवा पुनर्विवाह के विरुद्ध पहला ट्रैक्ट
Answer / उत्तर :-
First tract against idolatry/मूर्तिपूजा के विरुद्ध पहला ट्रैक्ट
Explanation / व्याख्या :-
‘Tuhafat-ul-Muwahidin’, a tract written by Ram Mohan Roy, is the first tract against idolatry. He believed that prayers, meditation and reading of the Upanishads were to be forms of worship and no graven image. Statue or sculpture, craving, painting, picture, portrait, etc. were to be allowed in the society building thus proclaiming opposition to idolatry and meaningless rituals. / राम मोहन राय द्वारा लिखित ‘तुहाफत-उल-मुवाहिदीन’ मूर्तिपूजा के खिलाफ पहला पुस्तिका है। उनका मानना था कि प्रार्थना, ध्यान और उपनिषदों को पढ़ना पूजा का रूप है और कोई उत्कीर्ण छवि नहीं है। मूर्ति या मूर्ति, तृष्णा, चित्रकारी, चित्र, चित्र आदि को समाज निर्माण में अनुमति दी जानी थी और इस प्रकार मूर्तिपूजा और निरर्थक अनुष्ठानों के विरोध की घोषणा की गई।
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