A collective term used by the Jains for their sacred books is / जैनियों द्वारा अपनी पवित्र पुस्तकों के लिए प्रयुक्त एक सामूहिक शब्द है
(a) Prabandhas / प्रबंध
(b) Angas / अंगस
(c) Nibandhas / निबन्ध
(d) Charits / चरित्र
SSC CGL (TIER-1) 10-09-2016, 10 am
Answer / उत्तर :-
(b) Angas / अंगस
Explanation / व्याख्या :-
The Jains collectively call their sacred texts ‘Anga’ which contain the teaching of Mahavira. Jainism texts are written in semi Magadhi-Prakrit language. Some texts have also been composed in apbhransh. The fundamental principles given by Mahavira Swami the 24th Tirthankar of Jainism are compiled in 14 ancient texts. These texts have been called purva/purva Kalpasutra an important scripture of Jainism, which is written in Sanskrit language.
जैन सामूहिक रूप से अपने पवित्र ग्रंथों को ‘अंग’ कहते हैं जिनमें महावीर की शिक्षाएं शामिल हैं। जैन धर्म के ग्रंथ अर्ध मागधी-प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं। कुछ ग्रंथों की रचना अपभ्रंश में भी की गई है। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी द्वारा दिये गये मौलिक सिद्धांत 14 प्राचीन ग्रंथों में संकलित हैं। इन ग्रंथों को पूर्व/पूर्व कल्पसूत्र जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ कहा गया है, जो संस्कृत भाषा में लिखा गया है।
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