The Vedic view of an individual and his relation to society is determined by four objectives of life. Which of the following is NOT one of these objectives? / व्यक्ति और समाज के साथ उसके संबंध का वैदिक दृष्टिकोण जीवन के चार उद्देश्यों से निर्धारित होता है। निम्नलिखित में से कौन सा इन उद्देश्यों में से एक नहीं है? - www.studyandupdates.com

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The Vedic view of an individual and his relation to society is determined by four objectives of life. Which of the following is NOT one of these objectives? / व्यक्ति और समाज के साथ उसके संबंध का वैदिक दृष्टिकोण जीवन के चार उद्देश्यों से निर्धारित होता है। निम्नलिखित में से कौन सा इन उद्देश्यों में से एक नहीं है?

 

The Vedic view of an individual and his relation to society is determined by four objectives of life. Which of the following is NOT one of these objectives? / व्यक्ति और समाज के साथ उसके संबंध का वैदिक दृष्टिकोण जीवन के चार उद्देश्यों से निर्धारित होता है। निम्नलिखित में से कौन सा इन उद्देश्यों में से एक नहीं है?

(a) Dharma / धर्म
(b) Moksha / मोक्ष
(c) Siddhi / सिद्धि
(d) Artha / अर्थ

SSC CGL–(Tier-I) 17/08/2021 (Shift I)

Answer / उत्तर :-

(c) Siddhi / सिद्धि

Explanation / व्याख्या :- 

According to Indian Philosophy Purusharthas literally means ‘attainable by man’. In todays terminology it can be called ‘Value’. According to Hindu thinkers there are four Purusharthas – Artha (wealth) , Kama (desire), Dharma (righteousness) and Moksha (liberation). Whereas Yash does not come under Purusharthas.

भारतीय दर्शन के अनुसार पुरुषार्थ का शाब्दिक अर्थ है ‘मनुष्य द्वारा प्राप्य’। आज की शब्दावली में इसे ‘मूल्य’ कहा जा सकता है। हिंदू विचारकों के अनुसार चार पुरुषार्थ हैं – अर्थ (धन), काम (इच्छा), धर्म (धार्मिकता) और मोक्ष (मुक्ति)। जबकि यश पुरुषार्थ के अंतर्गत नहीं आता है।

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