Chandragupta Maurya was an ardent follower of_ / चन्द्रगुप्त मौर्य किसके प्रबल अनुयायी थे_ - www.studyandupdates.com

Wednesday

Chandragupta Maurya was an ardent follower of_ / चन्द्रगुप्त मौर्य किसके प्रबल अनुयायी थे_

Chandragupta Maurya was an ardent follower of_ / चन्द्रगुप्त मौर्य किसके प्रबल अनुयायी थे_

(a) Sikhism / सिख धर्म
(b) Jainism / जैन धर्म
(c) Buddhism / बौद्ध धर्म
(d) Jewism / यहूदी धर्म

(SSC 10+2 CHSL 08.02.17, 4:15 pm)

Answer / उत्तर :-

(b) Jainism / जैन धर्म

Explanation / व्याख्या :-

Chandra Gupta Maurya defeated the ruler of Nanda Dynasty Dhanananda and established the Mauryan Dynasty. Chandra Gupta Maurya ascended the throne of Magadh in 322 BC. Chandragupta Maurya took initiation of Jainism from Jaina Guru Bhadrabahu. His Prime Minister was Chanakya (Kautilya/Vishnugupta) who wrote the book ‘Arthashastra’ related to politics. The Ambassador of Selecus Nicator, Megasthenes came to the court of Chandra Gupta Maurya who wrote a book called ‘Indica’. Chandragupta Maurya sacrificed his life by Sanlekhna method (fasting until death) in 298 BC in Shravanbelagola (Karnataka).

चंद्र गुप्त मौर्य ने नंद वंश के शासक धनानंद को हराया और मौर्य वंश की स्थापना की। चन्द्रगुप्त मौर्य 322 ईसा पूर्व में मगध की गद्दी पर बैठे। चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन गुरु भद्रबाहु से जैन धर्म की दीक्षा ली। उनके प्रधान मंत्री चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) थे जिन्होंने राजनीति से संबंधित पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ लिखी थी। सेलेकस निकेटर का राजदूत मेगस्थनीज चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था जिसने ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने 298 ईसा पूर्व श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में संलेखना विधि (मृत्यु तक उपवास) द्वारा अपने प्राण त्याग दिये।

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