In Indian architecture ‘Surkhi’ was introduced by : / भारतीय वास्तुकला में ‘सुर्खी’ की शुरुआत किसके द्वारा की गई थी:
(a) Guptas / गुप्त
(b) Sultanat Sultans / सल्तनत सुल्तान
(c) Mughals / मुगल
(d) Kushans / कुषाण
SSC CPO (TIER-1) 2016
Answer / उत्तर :-
(d) Kushans / कुषाण
Explanation / व्याख्या :-
There is evidence of use of Surkhi in various structures built during the khusan period. Evidence of the construction of Surkhi is found in the third and fifth levels in the excavation of five levels in Mathura. Surkhi is the powered form of over burnt bricks or the clay balls. Evidence has shown that the use of Surkhi and Surkhi mortar was started before the 2nd century BC. If surkhi is used instead of fine aggregate in the preparation of mortar then it is said to be Surkhi mortar.
खुसन काल के दौरान निर्मित विभिन्न संरचनाओं में सुरखी के उपयोग के प्रमाण हैं। मथुरा में पाँच स्तरों की खुदाई में तीसरे और पाँचवें स्तर पर सुरखी के निर्माण का साक्ष्य मिलता है। सुरखी पकी हुई ईंटों या मिट्टी के गोले का संचालित रूप है। साक्ष्यों से पता चला है कि सुरखी और सुरखी मोर्टार का प्रयोग ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से पहले शुरू हुआ था। यदि ओखली तैयार करने में महीन समुच्चय के स्थान पर सुरखी का प्रयोग किया जाता है तो वह सुरखी ओखली कहलाती है।
No comments:
Post a Comment