King Harshavardhana ascended the throne of Thaneshwar and Kannauj on the death of his brother, –––––. / राजा हर्षवर्द्धन अपने भाई की मृत्यु पर थानेश्वर और कन्नौज की गद्दी पर बैठा, ——।
(a) Suryavardhana / सूर्यवर्धन
(b) Rajyavardhana / राज्यवर्धन
(c) Chandravardhana / चंद्रवर्धन
(d) Indravardhana / इंद्रवर्धन
SSC CGL (Tier-I)-2019 – 04/03/2020 (Shift-I)
Answer / उत्तर :-
(b) Rajyavardhana / राज्यवर्धन
Explanation / व्याख्या :-
After the death of Harshavardhana’s father Prabhakarvardhana (605 AD), Harshavardhana’s elder brother Rajyavardhana became the king, but he was killed due to the malice of Malwa king Devgupta and Gond king Shashank. Harshavardhana in 606 A.D. had ascended the throne and rescued his sister Rajyashree from Vindhyatvi and merged Kannauj and Thaneshwar in his kingdom, snatched Malwa from Devgupta and drove Shashank to Gond. Harsha is called the ‘Sahityakar Samrat’ because he composed three plays Priyadarsika, Ratnavali and Nagananda. He wrote India’s description in his book called “Si-yu-ki”.
हर्षवर्धन के पिता प्रभाकरवर्धन (605 ई.) की मृत्यु के बाद, हर्षवर्द्धन के बड़े भाई राज्यवर्धन राजा बने, लेकिन मालवा के राजा देवगुप्त और गोंड राजा शशांक के द्वेष के कारण उनकी हत्या कर दी गई। 606 ई. में हर्षवर्द्धन राजगद्दी पर बैठा और अपनी बहन राज्यश्री को विंध्याटवी से छुड़ाया तथा कन्नौज और थानेश्वर को अपने राज्य में मिला लिया, मालवा को देवगुप्त से छीन लिया और शशांक को गोंड की ओर खदेड़ दिया। हर्ष को ‘साहित्यकार सम्राट’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने तीन नाटक प्रियदर्शिका, रत्नावली और नागानंद की रचना की थी। उन्होंने “सी-यू-की” नामक पुस्तक में भारत का वर्णन लिखा।
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