The Chalukya ruler Pulakesin’s victory over Harshavardhana was in year …….. / चालुक्य शासक पुलकेशिन की हर्षवर्द्धन पर विजय वर्ष …….. में हुई थी।
(a) 612 A.D.
(b) 618 A.D.
(c) 622 A.D.
(d) 634 A.D.
SSC JE Civil – 25/01/2018 (Shift-I)
Answer / उत्तर :-
(b) 618 A.D.
Explanation / व्याख्या :-
The Aihole inscription shows that the Chalukya dynasty’s Pulakeshin II fought Harshavardhana on the banks of the river Narmada in 618 AD which Harshavardhana defeated after conquering hundreds of kings. He assumed the title of Parmeshwar. It is known that the Aihole inscription is in the form of a commendation and its language is Sanskrit, the script is Dakshin Brahmi. It was composed by Ravikirti. It is known that Pulakeshin I was the founder of the Chalukya dynasty of Badami/Vatapi.
एहोल शिलालेख से पता चलता है कि चालुक्य वंश के पुलकेशिन द्वितीय ने 618 ईस्वी में नर्मदा नदी के तट पर हर्षवर्द्धन से युद्ध किया था जिसे हर्षवर्द्धन ने सैकड़ों राजाओं पर विजय प्राप्त करने के बाद हराया था। उन्होंने परमेश्वर की उपाधि धारण की। ज्ञातव्य है कि ऐहोल शिलालेख प्रशस्ति के रूप में है तथा इसकी भाषा संस्कृत, लिपि दक्षिण ब्राह्मी है। इसकी रचना रविकीर्ति ने की थी। ज्ञातव्य है कि पुलकेशिन प्रथम बादामी/वातापी के चालुक्य वंश का संस्थापक था।
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