Which of the following Pallava kings assumed the title of ”Vatapikonda” after defeating and slaying the great Chalukyan King Pulekesin II? / निम्नलिखित में से किस पल्लव राजा ने महान चालुक्य राजा पुलकेसिन द्वितीय को हराने और मारने के बाद ”वातापीकोंडा” की उपाधि धारण की?
(a) Narsingh Varman I / नरसिंह वर्मन प्रथम
(b) Mahendra Varman I / महेंद्र वर्मन प्रथम
(c) Parmeshwar Varman I / परमेश्वर वर्मन प्रथम
(d) Nandi Varman I / नंदी वर्मन प्रथम
SSC CGL (TIER-1) 07-09-2016, 1:15 pm
Answer / उत्तर :-
(a) Narsingh Varman I / नरसिंह वर्मन प्रथम
Explanation / व्याख्या :-
After Mahendra Varman–I his son Narasimha Varman–I ascended the throne of Kanchi. Narasimha Varman–I was the most powerful king of the Pallava dynasty, he avenged the defeat of his father. He reorganized the military power of the Pallavas and started the Vijay Yatra in the north and defeated the Chalukya emperor Pulakeshin II in 3 battles (1 – Parimal , 2– Shurmar, 3–Manimangalam). Vatapikond (Winner of Vatapi) and Mahamalla to commemorate the winning of Vatapi. The title of Mahamalla was added to his name.
महेंद्र वर्मन-प्रथम के बाद उनके पुत्र नरसिम्हा वर्मन-प्रथम कांची की गद्दी पर बैठे। नरसिम्हा वर्मन-प्रथम पल्लव वंश का सबसे शक्तिशाली राजा था, उसने अपने पिता की हार का बदला लिया। उन्होंने पल्लवों की सैन्य शक्ति को पुनर्गठित किया और उत्तर में विजय यात्रा शुरू की और चालुक्य सम्राट पुलकेशिन द्वितीय को 3 युद्धों (1- परिमल, 2- शूरमार, 3- मणिमंगलम) में हराया। वातापीकोंड (वातापी का विजेता) और महामल्ला, वातापी की जीत की स्मृति में। उनके नाम के साथ महामल्ल की उपाधि जोड़ी गयी।
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