Jizya Tax, during the Mughal Empire was a tax levied on: / जजिया कर, मुगल साम्राज्य के दौरान लगाया जाने वाला कर था:
(a) Noble citizens / महान नागरिक
(b) Non-Muslim citizens / गैर-मुस्लिम नागरिक
(c) Muslim citizens / मुस्लिम नागरिक
(d) All the citizens / सभी नागरिक
SSC GD 11/03/2019 (Shift-II)
Answer / उत्तर :-
(b) Non-Muslim citizens / गैर-मुस्लिम नागरिक
Explanation / व्याख्या :-
During Mughal reign the Jizya was considered as a religious tax paid to be by nonmuslims. In India the Jizya tax was introduced by Muhammad Bin Qasim. Firoz Tughlaq was the first ruler to impose Jizya on Brahmins. In 1564 Jizya was abolished by Akbar but again in 1679 it was reimposed by Aurnagazeb. In 1720 Muhammad Shah Rangila abolished Jizya completely on the request of Jai Singh.
मुगल शासनकाल के दौरान जजिया को गैर-मुसलमानों द्वारा दिया जाने वाला धार्मिक कर माना जाता था। भारत में जजिया कर मुहम्मद बिन कासिम द्वारा लागू किया गया था। फ़िरोज़ तुगलक ब्राह्मणों पर जजिया कर लगाने वाला पहला शासक था। 1564 में अकबर द्वारा जजिया को समाप्त कर दिया गया था लेकिन 1679 में औरंगज़ेब द्वारा इसे फिर से लागू कर दिया गया था। 1720 में जय सिंह के अनुरोध पर मुहम्मद शाह रंगीला ने जजिया कर को पूरी तरह समाप्त कर दिया।
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