Who among the following initiated 'Din-illahi'? / निम्नलिखित में से किसने 'दीन-इलाही' की शुरुआत की?
(a) Babur / बाबर
(b) Humayun / हुमायूँ
(c) Jahangir / जहांगीर
(d) Akbar / अकबर
SSC CGL (Tier-I)-2019 – 09/03/2020 (Shift-II)
Answer / उत्तर :-
(d) Akbar / अकबर
Explanation / व्याख्या :-
Din-i-Ilahi, "the religion of God," was a system of religious beliefs introduced by the great Mughal emperor Akbar in 1582 AD. His idea was to combine Islam and Hinduism into one faith, but also to add aspects of Christianity, Zoroastrianism and Jainism. It is based on Monotheism (believe in one God). The first initiated disciples of Din-i-ilahi during emperor Akbar included Birbal, Prince Salim and Abul Fazl. Akbar took a deep personal interest in religious matters. He founded an academy, the Ibadat Khana, "the House of Worship," in 1575, where representatives of all major faiths could meet to discuss questions on theology. Listening to these debates, Akbar concluded that he should create the Din-i-ilahi.
दीन-ए-इलाही, "भगवान का धर्म", 1582 ईस्वी में महान मुगल सम्राट अकबर द्वारा शुरू की गई धार्मिक मान्यताओं की एक प्रणाली थी। उनका विचार इस्लाम और हिंदू धर्म को एक आस्था में जोड़ना था, बल्कि ईसाई धर्म, पारसी धर्म और जैन धर्म के पहलुओं को भी जोड़ना था। यह एकेश्वरवाद (एक ईश्वर में विश्वास) पर आधारित है। सम्राट अकबर के समय दीन-ए-इलाही के प्रथम दीक्षित शिष्यों में बीरबल, शहजादा सलीम और अबुल फजल शामिल थे। अकबर धार्मिक मामलों में गहरी व्यक्तिगत रुचि लेता था। उन्होंने 1575 में एक अकादमी, इबादत खाना, "उपासना का घर" की स्थापना की, जहां सभी प्रमुख धर्मों के प्रतिनिधि धर्मशास्त्र पर प्रश्नों पर चर्चा करने के लिए मिल सकते थे। इन बहसों को सुनकर अकबर ने निष्कर्ष निकाला कि उसे दीन-ए-इलाही बनाना चाहिए।
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