"भजु दीनबंधु दिनेश दानव, दैत्य-वंश-निकन्दनम्।" का भावार्थ होगा ("bhaju dinabandhu dinesh danav, daitya-vansh-nikandanam." ka bhavarth hoga) - - www.studyandupdates.com

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"भजु दीनबंधु दिनेश दानव, दैत्य-वंश-निकन्दनम्।" का भावार्थ होगा ("bhaju dinabandhu dinesh danav, daitya-vansh-nikandanam." ka bhavarth hoga) -

 राम स्तुति , Raam stuti





भजु दीनबंधु दिनेश दानव, दैत्य-वंश-निकन्दनम्। रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथ-नंदनम्॥


bhaju dinabandhu dinesh danav, daitya-vansh-nikandanam.

raghunand anandakand kaushalachand dasharath-nandanam॥




भावार्थ : हे मन! दीनों के बंधु, सूर्य के समान तेजस्वी, दानव और दैत्यों के वंश का समूल नाश करने वाले, आनन्द-कन्द, कोशल-देशरूपी आकाश में निर्मल चन्द्रमा के समान, दशरथ-नन्दन श्री राम जी का भजन कर...



- इसमें अनुप्रास अलंकार का प्रयोग बेहद खूबसूरती के साथ किया गया है










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