"मनु जाहिं राचेहु मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।" का भावार्थ होगा ("manu jaahin raachehu milihi so baru sahaj sundar saanvaro." ka bhaavaarth hoga) - - www.studyandupdates.com

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"मनु जाहिं राचेहु मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।" का भावार्थ होगा ("manu jaahin raachehu milihi so baru sahaj sundar saanvaro." ka bhaavaarth hoga) -

 राम स्तुति , Raam stuti


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मनु जाहिं राचेहु मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो। करुणा निधान सुजान सील सनेह जानत रावरो॥

manu jaahin raachehu milihi so baru sahaj sundar saanvaro.

karuna nidhaan sujaan seel saneh jaanat raavaro.



भावार्थ : गौरी-पूजन में लीन जानकी (सीता जी) पर गौरी जी प्रसन्न हो जाती हैं और वर देते हुए कहती हैं - हे सीता! जिसमें तुम्हारा मन अनुरक्त हो गया है, वह स्वभाव से ही सुंदर और सांवला वर (श्री रामचन्द्र) तुम्हें मिलेगा... वह दया के सागर और सुजान (सर्वज्ञ) हैं, तुम्हारे शील और स्नेह को जानते हैं...


- इसमें अनुप्रास अलंकार का प्रयोग बेहद खूबसूरती के साथ किया गया है





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