"श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्" का भावार्थ होगा (shri ramchandra krupalu bhaju man haran bhavabhaya darunam.) - - www.studyandupdates.com

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"श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्" का भावार्थ होगा (shri ramchandra krupalu bhaju man haran bhavabhaya darunam.) -

 राम स्तुति , Raam stuti





श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्।
नवकंज लोचन, कंज-मुख, कर-कंज, पद-कंजारुणम्॥


shri ramchandra krupalu bhaju man haran bhavabhaya darunam |

navakanj lochan, kanj-mukh, kar-kanj, pad-kanjarunam॥



भावार्थ : हे मन! कृपालु श्री रामचंद्र जी का भजन कर... वह संसार के जन्म-मरण रूपी दारुण भय को दूर करने वाले हैं... उनके नेत्र नव-विकसित कमल के समान हैं, तथा मुख, हाथ और चरण भी लाल कमल के सदृश हैं...



- इसमें अनुप्रास अलंकार का प्रयोग बेहद खूबसूरती के साथ किया गया है










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