The Simon Commission which was sent by the British Government was bycotted because / ब्रिटिश सरकार द्वारा भेजे गए साइमन कमीशन का बहिष्कार किया गया क्योंकि
(a) There were differences amongst the members / सदस्यों के बीच मतभेद थे
(b) The Commission did not have any India member / आयोग में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था
(c) The Commission curbed financial independence of India / आयोग ने भारत की वित्तीय स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया
(d) If gave special powers to the princely states. / रियासतों को विशेष अधिकार दिए।
SSC GD 18/02/2019 (Shift-III)
Answer / उत्तर :-
(b) The Commission did not have any India member / आयोग में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था
Explanation / व्याख्या :-
In February 1928, when Simon Commission reached Bombay the whole of India took negative stand on it and welcome it using black flags and slogans of " Simon Go Back." The main reason of agitation was that the commission did not have any India member and India political autonomy was going to be decided by peoples of the foreign land. It was also known as White Man Commission and Sir John Simon was its head, along 7 other British members. Simon commission was appointed in November, 1927.
फरवरी 1928 में जब साइमन कमीशन बॉम्बे पहुंचा तो पूरे भारत ने इसका नकारात्मक रुख अपनाया और काले झंडे और "साइमन गो बैक" के नारे लगाकर इसका स्वागत किया। आंदोलन का मुख्य कारण यह था कि आयोग में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था और भारत की राजनीतिक स्वायत्तता विदेशी भूमि के लोगों द्वारा तय की जाने वाली थी। इसे व्हाइट मैन कमीशन के नाम से भी जाना जाता था और सर जॉन साइमन इसके प्रमुख थे, साथ ही 7 अन्य ब्रिटिश सदस्य भी थे। साइमन कमीशन की नियुक्ति नवंबर, 1927 में हुई थी।
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