What did Gandhiji meant by ‘Sarvodaya’? / गांधीजी का 'सर्वोदय' से क्या तात्पर्य था?
(a) Non- violence / अहिंसा
(b) Upliftment of untouchables or dalits / अछूतों या दलितों का उत्थान
(c) The birth of a new society based on ethical values / नैतिक मूल्यों पर आधारित एक नए समाज का जन्म
(d) Satyagraha / सत्याग्रह
SSC CGL (TIER-1) 09-09-2016, 1:15 pm
Answer / उत्तर :-
(b) Upliftment of untouchables or dalits / अछूतों या दलितों का उत्थान
Explanation / व्याख्या :-
Sarvodaya is a term meaning 'universal uplift or progress of all. The term was first coined by Gandhi as the title of his 1908 translation of John Ruskins critique on political economy, "Unto This Last". In Gandhian Philosophy Sarvodaya is the true panacea for all types of social or political problems experienced by Indian society.
सर्वोदय एक शब्द है जिसका अर्थ है 'सभी का सार्वभौमिक उत्थान या प्रगति। इस शब्द को सबसे पहले गांधी ने 1908 में जॉन रस्किन की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर आलोचना, "अनटू दिस लास्ट" के अपने अनुवाद के शीर्षक के रूप में गढ़ा था। गांधीवादी दर्शन में सर्वोदय भारतीय समाज द्वारा अनुभव की जाने वाली सभी प्रकार की सामाजिक या राजनीतिक समस्याओं के लिए सच्चा रामबाण है।
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