Arrange the following events in correct chronology. / निम्नलिखित घटनाओं को सही कालक्रम में व्यवस्थित करें।
(1) Champaran Satyagraha against indigo plantation / नील की खेती के खिलाफ चंपारण सत्याग्रह
(2) Strating of non-cooperation Khilafat movement / असहयोग खिलाफत आंदोलन की शुरुआत
(3) Rowlatt Satyagraha / रौलट सत्याग्रह
(4) Arrival of Simon commission in India / भारत में साइमन कमीशन का आगमन
(a) 3-4-2-1
(b) 1-2-3-4
(c) 1-3-2-4
(d) 4-2-1-3
SSC GD 18/02/2019 (Shift-I)
Answer / उत्तर :-
(c) 1-3-2-4
Explanation / व्याख्या :-
Champaran Satyagraha against indigo plantation was in 1917. It was Mahathama Gandhi's first satyagraha in India. It took place at Champaran in Bihar. Demand for high rent and illegal dues by European planters leads to Champaran Satyagraha. British agreed to the demands of the farmers at the end of this satyagraha.
Rowlatt Satyagraha was in 1919. It was against the anarchical and revolutionary crimes act (Rowlatt act) was passed on 6th February 1919. Gandhiji called this act as "black act". The act empowered the British government to arrest any person without reason, search any place without warrant and imprison anyone without trial.
The Non Cooperation Khilafat movement was started in 1920. It is the first mass political movement under Gandhiji in India. The attainment of swaraj by peaceful means was the main goal of this movement. It was called off by Gandhiji due to the Chauri Chaura incident.
The Simon Commission arrived in India in 1928. It was formed to study constitutional reforms and make recommendations to the government in India. Simon commission was an all-white commission without any Indain members. It was formed on 26th Novemebr 1927. Simon commission arrived in India on 3rd February, 1928. Simon commission submitted its reports on 27 May, 1930.
नील की खेती के खिलाफ चंपारण सत्याग्रह 1917 में हुआ था। यह भारत में महात्मा गांधी का पहला सत्याग्रह था। यह बिहार के चंपारण में हुआ था। यूरोपीय बागान मालिकों द्वारा उच्च लगान और अवैध बकाया की मांग चंपारण सत्याग्रह की ओर ले जाती है। इस सत्याग्रह के अंत में अंग्रेजों ने किसानों की मांगों पर सहमति जताई।
रौलेट सत्याग्रह 1919 में हुआ था। यह अराजक और क्रांतिकारी अपराधों के खिलाफ़ था। 6 फरवरी 1919 को रौलेट एक्ट पारित किया गया था। गांधीजी ने इस एक्ट को "काला अधिनियम" कहा था। इस एक्ट ने ब्रिटिश सरकार को बिना किसी कारण के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने, बिना वारंट के किसी भी स्थान की तलाशी लेने और बिना किसी मुकदमे के किसी को भी जेल में डालने का अधिकार दिया।
असहयोग खिलाफत आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था। यह भारत में गांधीजी के नेतृत्व में पहला व्यापक राजनीतिक आंदोलन है। शांतिपूर्ण तरीकों से स्वराज की प्राप्ति इस आंदोलन का मुख्य लक्ष्य था। चौरी चौरा की घटना के कारण गांधीजी ने इसे वापस ले लिया था।
साइमन कमीशन 1928 में भारत आया। इसका गठन संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करने और भारत में सरकार को सिफारिशें करने के लिए किया गया था। साइमन कमीशन एक पूरी तरह से श्वेत आयोग था, जिसमें कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था। इसका गठन 26 नवम्बर 1927 को हुआ था। साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत पहुंचा। साइमन कमीशन ने 27 मई 1930 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
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