With reference to India's freedom struggle consider the following statements. / भारत के स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
1. The Turkish ruler Mehmed Murad–V abolished the Caliphate / तुर्की शासक महमद मुराद-V ने खिलाफत को समाप्त कर दिया
2. In February 1922, a group of peasants attacked and torched a police station in the hamlet of Chauri Chaura / फरवरी 1922 में, किसानों के एक समूह ने चौरी चौरा के एक गांव में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया और उसे आग लगा दी
3. During the Non–Cooperation Movement Gandhiji was arrested in March 1922, and charged with sedition / असहयोग आंदोलन के दौरान गांधीजी को मार्च 1922 में गिरफ्तार किया गया और उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया
Which of the statements given above is/are correct ? / ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) 1 and 3 only / केवल 1 और 3
(b) 3 only / केवल 3
(c) 2 and 3 only / केवल 2 और 3
(d) 2 only / केवल 2
(SSC J.E. 01.03.17, 10:00 am)
Answer / उत्तर :-
(c) 2 and 3 only / केवल 2 और 3
Explanation / व्याख्या :-
In India the Khilafat Movement was linked with the division of Turkey. Even after making a promise the British decided to divide Turkey. But in the leadership of Mustafa Kamal Pasha the Khalifa revolt took place and the post was banned. So the Turkey got divide and Khilafat movement ended in India. During the Non-cooperation movement in Chauri-Chaura of Gorakhpur a masacre took place on 5th Feb, 1922. The police station was set on fire and lead to the burning of 22 police personnel. Seing this Gandhiji called off the movement. So the British government put Gandhi on trial for seditions charges and announced a 6 years imprisonment.
भारत में खिलाफत आंदोलन तुर्की के विभाजन से जुड़ा था। वादा करने के बाद भी अंग्रेजों ने तुर्की को विभाजित करने का फैसला किया। लेकिन मुस्तफा कमाल पाशा के नेतृत्व में खलीफा विद्रोह हुआ और पद पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसलिए तुर्की का विभाजन हो गया और भारत में खिलाफत आंदोलन समाप्त हो गया। असहयोग आंदोलन के दौरान 5 फरवरी, 1922 को गोरखपुर के चौरी-चौरा में नरसंहार हुआ। पुलिस स्टेशन में आग लगा दी गई और 22 पुलिसकर्मी जल गए। यह देखकर गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया। इसलिए ब्रिटिश सरकार ने गांधी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया और 6 साल की सजा सुनाई।
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