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Monday

" सोरठा: जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।" का भावार्थ होगा (soratha: jaani gauri anukool siy hiy harashu na jai kahi. ) -

 राम स्तुति , R aam stuti   सोरठा: जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे॥ soratha: jaani gauri anu...
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"एहि भांति गौरि असीस सुनि सिय सहित हिय हरषी अली।" का भावार्थ होगा ("ehi bhaanti gauri asees suni siy sahit hiy harashee alee." ka bhaavaarth hoga) -

 राम स्तुति , R aam stuti एहि भांति गौरि असीस सुनि सिय सहित हिय हरषी अली। तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥ shri ramcha...
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"मनु जाहिं राचेहु मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।" का भावार्थ होगा ("manu jaahin raachehu milihi so baru sahaj sundar saanvaro." ka bhaavaarth hoga) -

 राम स्तुति , R aam stuti मनु जाहिं राचेहु मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो। करुणा निधान सुजान सील सनेह जानत रावरो॥ manu jaahin raacheh...
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श्री राम स्तुति – श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन – अर्थसहित (shree raam stuti – shreeraamachandr krpaalu bhaj man – arthasahit)

श्री राम स्तुति – श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन – अर्थसहित श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन हरण भवभय दारुणम्। नवकंज-लोचन कंज-मुख कर-कंज पद-कंजा...
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"इति वदति तुलसीदास शंकर, शेष-मुनि-मन-रंजनम्।" का भावार्थ होगा (iti vadati tulsidas shankar, shesh-muni-man-ranjanam.) -

 राम स्तुति , R aam stuti इति वदति तुलसीदास शंकर, शेष-मुनि-मन-रंजनम्। मम हृदय-कंज-निवास कुरु, कामादि खल दल गंजनम्॥ iti vadati tulsida...
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"सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम्।" का भावार्थ होगा ("sir mukut kundal tilak charu udaru ang vibhushanam." ka bhavarth hoga.) -

 राम स्तुति , R aam stuti सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम्। आजानुभुज शर चाप धर, संग्रामजित खरदूषणम्॥ sir mukut kundal til...
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"भजु दीनबंधु दिनेश दानव, दैत्य-वंश-निकन्दनम्।" का भावार्थ होगा ("bhaju dinabandhu dinesh danav, daitya-vansh-nikandanam." ka bhavarth hoga) -

 राम स्तुति , R aam stuti भजु दीनबंधु दिनेश दानव, दैत्य-वंश-निकन्दनम्। रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथ-नंदनम्॥ bhaju dinabandhu dinesh da...
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"कंदर्प अगणित अमित छवि, नवनील-नीरद सुन्दरम्।" का भावार्थ होगा ("kandarp aganit amit chhavi, navaneel-neerad sundaram." ka bhaavaarth hoga) -

 राम स्तुति , R aam stuti कंदर्प अगणित अमित छवि, नवनील-नीरद सुन्दरम्। पट पीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरम्॥ kandarp aganit a...
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"श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्" का भावार्थ होगा (shri ramchandra krupalu bhaju man haran bhavabhaya darunam.) -

 राम स्तुति , R aam stuti श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्। नवकंज लोचन, कंज-मुख, कर-कंज, पद-कंजारुणम्॥ shri ramchandra kr...
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